Move to Jagran APP

चार साल बाद मिला बेचैन दिल को सुकून

आशुतोष मिश्रसितारगंज डेढ़ बीघे जमीन के लिए जनता फार्म निवासी जयमल सिंह की हत्या की गई थी

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 11:15 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 06:33 AM (IST)
चार साल बाद मिला बेचैन दिल को सुकून
चार साल बाद मिला बेचैन दिल को सुकून

आशुतोष मिश्र,सितारगंज : डेढ़ बीघे जमीन के लिए जनता फार्म निवासी जयमल सिंह की हत्या की गई थी। 46 महीने बाद इस हत्याकांड के आए फैसले के बाद जयमल सिंह की पत्नी बलविदर कौर ने कहा कि अब दिल को शांति मिली है। पति के जाने का गम तो जीवन भर रहेगा। पर अदालत ने हत्यारों को सजा देकर चार साल से बेचैन मन को सुकून दे दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें ऊपर वाले पर पूरा भरोसा था। इसलिए मामले की पैरवी में तमाम बाधाएं आने के बाद भी उन्हें अदालत के जरिए इंसाफ मिला है। अदालत के फैसले के बाद जयमल के परिजनो ने राहत की सांस ली है।

loksabha election banner

17 जुलाई 2015 को जनता फार्म में जयमल सिंह अपने परिजनो के साथ खेत में काम कर रहे थे। इसी दौरान उनकी गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। गोली लगने से सुरजीत सिंह व शिवेक सिंह भी घायल हो गए थे। पिता की मौत के बाद जयमल के पुत्र अंग्रेज सिंह ने दड़हा गांव के जगतार सिंह समेत सत्रह लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था। अदालत का फैसला आने के बाद जयमल सिंह के पुत्र अंग्रेज सिंह ने बताया कि अदालत ने इंसाफ किया है। उन्होंने बताया कि मामले की पैरवी में विरोधी पक्ष ने तमाम तरीके से उन्हे डराने ,धमकाने परेशान करने के लिए सारे हथकंडे अपनाए, लेकिन वह पिता की हत्यारों को सजा दिलाने के लिए कभी विचलित नही हुए। उन्होंने बताया कि उन्हें इंसाफ न मिले इसके लिए हत्यारों ने पिछले साल सात जनवरी को नगर कीर्तन की आड़ में हत्या के चश्मदीद गवाह दलजीत सिंह समेत दो लोगों की भी दिन-दहाड़े तलवार से काट कर हत्या कर दी थी। उन्होंने बताया कि हत्या की वजह हाईवे के पास की जमीन पर कब्जा करना चाहते थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.