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फूड पार्क को ग्रीन बेल्ट में छूट, अड़चनें हुईं दूर

फूड पार्क के लिए ग्रीन बेल्ट में छूट की मंजूरी से पार्क में लगने वाली फैक्ट्रियों की अड़चनें दूर हो जाएंगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Nov 2018 11:43 PM (IST)Updated: Sat, 24 Nov 2018 11:43 PM (IST)
फूड पार्क को ग्रीन बेल्ट में छूट, अड़चनें हुईं दूर
फूड पार्क को ग्रीन बेल्ट में छूट, अड़चनें हुईं दूर

जागरण संवाददाता, काशीपुर : फूड पार्क के लिए ग्रीन बेल्ट में छूट की मंजूरी से पार्क में लगने वाली फैक्ट्रियों की अड़चनें दूर हो जाएंगी। इससे फैक्ट्रियों का नक्शा पास हो सकेगा और निर्माण कार्यों में तेजी आने से जल्द उत्पादन शुरू हो जाएंगे। इस कवायद पर उद्यमियों में खुशी है।

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राज्य में हरिद्वार के बाद महुआखेड़़ागंज में दूसरा हिमालयन फूड पार्क है। पार्क की 50 एकड़ भूमि पर कंपनियां लगनी हैं। इससे स्थानीय लोग पार्क में सॉस, आचार, फूड जूस आदि उत्पाद तैयार सकते हैं। कच्चा व तैयार उत्पाद रखने के लिए गोदाम की भी सुविधा है। इस सुविधा से किसानों के उत्पादों को वाजिब दाम मिल सकेगा और उनकी आय दोगुना करने की केंद्र सरकार की मंशा भी पूरी होगी। पार्क की कंपनियों में इटली व जापान के उपकरण भी लगे हैं। हालांकि कुछ कंपनियों ने पार्क में नगर पालिका से मानचित्र पास कराकर केंद्र सरकार के मानक के तहत प्रस्ताव इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट अथॉरिटी उत्तराखंड को भेजा गया। पार्क में केंद्र सरकार के नियम के तहत कुछ-कुछ जगह ग्रीन बेल्ट छोड़ी गई है। अथॉरिटी ने यह कहकर नक्शा पास करने से मना कर दिया कि अथॉरिटी के नियम के तहत पार्क में लगने वाली फैक्ट्रियों के चारों तरफ ग्रीन बेल्ट होने चाहिए। पार्क के चारों तरह 15 मीटर के दायरे में ग्रीन बेल्ट होने चाहिए। अथॉरिटी के मानक पूरा न करने पर करीब एक साल से पार्क की कंपनियां का मानचित्र पास नहीं हो रहा था। इससे कंपनियां सफर कर रही थीं। कंपनियों को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने शनिवार को अथॉरिटी के मानक को दरकिनार करते हुए फूड पार्क के ग्रीन बेल्ट में छूट दे दी है। यानि केंद्र सरकार के मानक को मान लिया। इससे उद्यमियों में खुशी है। इससे स्थानीय किसानों को खेती के प्रति रुझान बढ़ेगा। मांग के आधार पर खेती करेंगे और उनकी आय में इजाफा होगा। वर्जन

ग्रीन बेल्ट में छूट प्रदान करने से फूड पार्क में लगी कंपनियों में तेजी आएंगी। साथ ही नए उद्योग भी लगेंगे। इससे न केवल उत्पादन होगा, बल्कि लोगों को रोजगार मिलेगा। किसानों के उत्पाद का वाजिब मूल्य मिलने पर उनकी आय में दुगुनी इजाफा होगा।

-राजीव घई, को-चेयरमैन, पीएचडी चैंबर


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