बैडमिटन हॉल के निर्माण में फिर मिली खामियां
स्पोर्ट्स स्टेडियम में करीब डेढ़ करोड़ से बना बैडमिटन हॉल में अधिकारियों के निरीक्षण में कमियां मिली हैं।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : स्पोर्ट्स स्टेडियम में करीब डेढ़ करोड़ से बना बैडमिटन हॉल के हैंडओवर होने के पहले एक बार फिर खामियां मिली हैं। वो भी ऐसी कमी जिसे सुधारा नहीं जा सकता। इसके लिए कार्यदायी संस्था की सिक्योरिटी मनी भी जब्त हो सकती है। जांच कमेटी ने हैंडओवर के पहले जब कोर्ट की पड़ताल की तो वूडेन फर्श में कमी मिली है। जिला क्रीड़ा अधिकारी एवं जांच कमेटी अधिकारी रसिका सिद्दकी ने बताया कि ठेकेदार का भुगतान भी रोका जाएगा।
स्पोर्ट्स स्टेडियम में नव निर्मित बैडमिटन हॉल पर मानों ग्रहण लग गया है। वर्ष 2013-14 में खेल विभाग की ओर से एक करोड़ 47 लाख 45 हजार की लागत से बैडमिटन हाल बनने का प्रस्ताव पास हुआ। लेकिन तमाम अड़चनों के बाद आरईएस ने 2018 में इसका कार्य पूरा किया। तब से अब तक इसे खेल विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया। हैंडओवर की कार्रवाई के लिए जनवरी-फरवरी 2019में जिला प्रशासन ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया। जिसमें मुख्य कोषाधिकारी, जिला क्रीड़ा अघिकारी और अंतररराष्ट्रीय पैराबैडमिटन खिलाड़ी मनोज सरकार को रखा गया। जिसपर हैंडओवर के पहले जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। पहली बार जांच में दीवारों से पानी, इलेक्ट्रिक बोर्ड में खामी पाई गई। जिसे दुरुस्त किया गया। इसी प्रकार दूसरी और तीसरी बार भी जब हैंडओवर की बारी आई तो खामियां ही मिली। तीसरी बार में वुडेन कोर्ट पर ही सवाल उठ गया। जांच में मिला कि वुडेन फर्श के नीचे खाली होने से वो टिकाऊ नहीं है। सीटीओ ने तत्काल हैंडओवर के लिए मना कर दिया। साथ ही कार्यदायी संस्था से जवाब मांगा है। डीएसओ सिद्दकी ने बताया कि कार्यदायी संस्था को जिस वक्त फर्श का निर्माण कराया जा रहा था तभी उन्हें अवगत कराया था कि वुडेन फर्श ठीक से नहीं फिट है। बावजूद इसके उन्होंने कार्य पूरा कर दिया।
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वर्जन: कार्यदायी संस्था की ओर से कमियां हुई हैं। ठेकेदार को बताने के बाद भी फर्श का कार्य सही नहीं हुआ है। ऐसे में उसे ठीक भी नहीं कराया जा सकता। जिस स्थिति में वर्तमान में है हॉल उसी हालत में हैंडओवर होगा, लेकिन संस्था ले लिखित में लिया जाएगा। साथ ही इस मामले में कार्यदायी संस्था की सिक्योरिटी, भुगतान आदि को रोका भी जा सकता है। - रसिका सिद्?दीकी, जिला क्रीड़ा अधिकारी एवं जांच अधिकारी