मंत्री के बयान से और भड़के किसान, बोले-अब आंदोलन ही होगा
संस, बाजपुर : गन्ना मूल्य भुगतान की मांग को लेकर भाकियू के बैनर तले आंदोलित किसानों को मनान
संस, बाजपुर : गन्ना मूल्य भुगतान की मांग को लेकर भाकियू के बैनर तले आंदोलित किसानों को मनाने के लिए प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है, जबकि भाकियू ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जब तक भुगतान नहीं होता तब तक सरकार के विरोध में किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा। इन लोगों ने प्रधानमंत्री की रैली का पुरजोर विरोध करने का एलान किया। भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष कर्म ¨सह पड्डा ने किसानों से रैली में नहीं जाने और विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है।
प्रदेश में लगभग 250 करोड़ के गन्ने की खरीद के उपरांत भी भुगतान नहीं होने, शासन द्वारा चीनी मिलों की बैंक गारंटी नहीं बढ़ाए जाने सहित अनेक मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 14 फरवरी को रुद्रपुर में प्रस्तावित विशाल रैली का विरोध करने का ऐलान कर रखा है। सोमवार की देर रात्रि एसडीएम विवेक प्रकाश के नेतृत्व में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी रामराज रोड स्थित पड्डा फार्म पहुंचे, जहां भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कर्म ¨सह पड्डा से मुलाकात कर मनाने का प्रयास किया। कहा गया कि किसानों की मांग राज्य स्तर की है जिसमें पीएम की रैली का विरोध करना उचित नहीं है। एसडीएम ने किसानों को समझाते हुए कहा कि वह गन्ना मंत्री समेत उच्चाधिकारियों से बात कर रहे हैं, उनका भुगतान जल्द हो जाएगा। वहीं कर्म ¨सह पड्डा ने स्पष्ट किया कि सरकार बैंक गारंटी दे देती है तो किसान अपना प्रदर्शन स्थगित करने पर विचार कर सकते हैं। इस मौके पर तहसीलदार केपी ¨सह सीओ एमसी ¨बजोला, कोतवाल जीबी जोशी आदि मौजूद थे।
-------------
कैबिनेट बैठक में होगा निर्णय : पंत
बाजपुर : प्रशासन की कवायद को उस समय एक और झटका लगा जब गन्ना, आबकारी व वित्तमंत्री प्रकाश पंत ने भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष कर्म ¨सह पड्डा से दूरभाष पर बात करते हुए बैंक गारंटी बढ़ाए जाने से साफ इन्कार कर दिया। कहा कि यह निर्णय कैबिनेट की बैठक में ही लिया जा सकता है, इसमें वह अपने स्तर से कुछ नहीं कह सकते। वहीं इस वार्ता के बाद किसान नेताओं ने जहां विरोध-प्रदर्शन की तैयारी तेज कर दी है। वहीं भाजपा नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री स्तर से किसानों को ठोस आश्वासन दिलवाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री से वार्ता के पश्चात किसान बैकफुट पर आते हैं या नहीं।