एनएच मुआवजा घोटाले की जांच कर सकता है प्रवर्तन निदेशालय
211 करोड़ के एनएच मुआवजा घोटाले में मनी ट्रेल और मनी लॉड्रिंग की पुष्टि के बाद रिकवरी के लिए पूरा मामला परिवर्तन निदेशालय यानी ईडी अपने हाथ में ले सकता है।
रुद्रपुर, [जेएनएन]: 211 करोड़ के एनएच मुआवजा घोटाले में मनी ट्रेल और मनी लॉड्रिंग की पुष्टि के बाद रिकवरी के लिए पूरा मामला परिवर्तन निदेशालय यानी ईडी अपने हाथ में ले सकता है। आरोपितों ने यदि नुकसान की भरपाई न कराई तो पीएमएलए (प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) में ईडी को संपत्ति फ्रीज करने का भी अधिकार है।
एनएच 74 मुआवजा घोटाले का राजफाश हुए एक साल से अधिक बीत चुका है। एसआइटी इस घोटाले में अब तक चार पीसीएस समेत 20 अधिकारियों, कर्मचारियों, काश्तकारों और बिल्डरों को जेल भेज चुकी है। एक पीसीएस अधिकारी और कुछ कर्मचारी अभी निशाने पर हैं।
घोटाले में मनी ट्रेल और मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि हो चुकी है। साफ हो चुका है कि घोटाले की रकम को कहीं खपाया गया है पर कहां, इसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी कर सकता है।
सूत्रों की मानें तो पुलिस को रिकवरी का अधिकार नहीं है, ऐसे में एसआइटी के हाथ बंधे हुए हैं। क्योंकि घोटाला 200 करोड़ पार कर चुका है इसलिए ईडी के मामले को अपने हाथ में लेने की चर्चाएं हैं। पीएमएलए में ईडी के पास अधिकार भी ज्यादा हैं। मसलन वह रिकवरी न होने की दशा में आरोपियों की चल और अचल संपत्ति सरकार में निहित कर सकता है।
ऐसे में आरोपितों की मुश्किलें अभी और बढ़ेंगी। जिन किसानों ने स्थिति साफ होने के बाद भी पैसा वापस नहीं किया है, वे भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। हालांकि सरकारी गवाह ईडी जांच के दायरे में नहीं आएंगे।
ईडी चार्जशीट के अनुसार ही आरोपियों से रिकवरी की कोशिश करेगा। पता लगाया जाएगा कि घोटाले की रकम कहां लगाई गई। ऐसे में कुछ बिल्डरों की दिक्कतें भी बढ़ सकती हैं। बता दें कि एसआइटी पूरे मामले से ईडी को अवगत करा चुकी है। ईडी के कुछ अधिकारी पूर्व में यहां जांच को भी आ चुके हैं।
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