रंगदारी मामले ने पकड़ा तूल विधायक व सीओ भिड़े
जागरण संवाददाता, काशीपुर: व्यापारी से एक करोड़ रंगदारी मांगने के मामले का खुलासा न होन
जागरण संवाददाता, काशीपुर: व्यापारी से एक करोड़ रंगदारी मांगने के मामले का खुलासा न होने पर भाजपा विधायक हरभजन सिंह चीमा समर्थकों के साथ मंगलवार को कोतवाली आ धमके। इस दौरान कोतवाली परिसर में दरी बिछाने को लेकर विवाद के चलते विधायक व सीओ आपस में भिड़ गए। सीओ व विधायक में काफी देर तक तर्क-वितर्क चलते रहे। विधायक चीमा के कोतवाली में बेमियादी धरने की चेतावनी पर सीओ ने जब 15 दिन में मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया तब जाकर मामला शांत हुआ। हालांकि बाद में एएसपी जगदीश चंद्र भी मौके पर पहुंच गए थे लेकिन तब तक विवाद खत्म हो गया था।
दरअसल रंगदारी मांगने का मामला मोहल्ला ¨सघान निवासी व्यवसायी रमेश चौहान से जुड़ा है। रमेश चौहान की बाजार में इलेक्ट्रीकल्स की दुकान है। बीती 13 दिसंबर को उनकी दुकान पर एक व्यक्ति चिट्टी छोड़ गया। जब रमेश ने चिट्टी खोली तो उसमें एक करोड़ रंगदारी देने की कहा गया था और रकम ने देने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। उन्होंने इस पर पुलिस को तहरीर सौंपी। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। लेकिन अभी तक इस मामले का खुलासा नहीं हो सका है। इस प्रकरण को लेकर विधायक हरभजन ¨सह चीमा व मेयर ऊषा चौधरी मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे कोतवाली आ धमके और मामले के खुलासे की मांग करते हुए समर्थकों के साथ धरना देने लगे। समर्थकों के लिए एक व्यक्ति कोतवाली परिसर में दरी बिछाने लगा तो एसएसआइ बीएस बिष्ट ने इस पर आपत्ति जताई और दरी हटाने को कहा। इस विधायक हरभजन सिहं चीमा का पारा चढ़ गया। उन्होंने दरी हटाने का विरोध किया। इसी बीच सीओ राजेश भट्ट भी कोतवाली पहुंच गए। इस पर विधायक चीमा ने पुलिस की कार्यशैली पर आक्रोश जताते हुए रंगदारी मामले के खुलासे में विलंब की वजह जाननी चाही। जवाब में सीओ राजेश भट्ट ने कहा कि जांच चल रही है। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जा चुकी है। कब तक मामले का खुलासा होगा, इसकी समय सीमा तय नहीं की जा सकती। लेकिन विधायक समय बताने की जिद पर अड़ गए। इसी बहसबाजी में सीओ के मुंह से निकली कोई बात विधायक को चुभ गई और उन्होंने कहा कि यदि पुलिस अधिकारी इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना रहे हैं तो यह मामला उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है। इस पर उन्होंने समर्थकों को कोतवाली परिसर में बेमियादी धरना शुरू करने की आवाज लगाई। विधायक का गुस्सा देख सीओ ने उन्हें 15 दिन में मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया। उनका कहना था कि खुलासे के लिए एसटीएफ व एसओजी को भी जांच में लगाया जाएगा।
इधर कोतवाली में विधायक के धरने की जानकारी होने पर एएसपी डा. जगदीश चंद्र भी कोतवाली पहुंच गए। लेकिन तब तक मामला शांत हो चुका था। विधायक चीमा का कहना था कि यदि 15 दिन में मामले का खुलासा नहीं हुआ तो इस मामले में पुलिस से फिर से देरी की वजह जानी जाएगी। विधायक के साथ कोतवाली पहुंचे समर्थकों में उद्योगपति दीपक बाली, केके अग्रवाल, गुर¨वदर ¨सह चंडोक, मनोज जग्गा, राजीव सेतिया, एसपी गुप्ता, लख¨वदर ¨सह, बलकार ¨सह, विमल गुड़िया समेत कई दर्जन लोग शामिल थे।