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किसानों की गिरफ्तारी को काउंट डाउन शुरू

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : एनएच 74 मुआवजा घोटाले में एसआइटी अब किसानों की गिरफ्तारी शुरू

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 04:46 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 04:46 PM (IST)
किसानों की गिरफ्तारी को काउंट डाउन शुरू
किसानों की गिरफ्तारी को काउंट डाउन शुरू

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर :

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एनएच 74 मुआवजा घोटाले में एसआइटी अब किसानों की गिरफ्तारी शुरू कर सकती है। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। माना जा रहा कि जल्द एसआइटी की जांच के दायरे में आए करोड़ों का मुआवजा लेने वाले 40 से अधिक किसान गिरफ्तार हो सकते हैं। एसआइटी ने काशीपुर, जसपुर, बाजपुर के ऐसे किसानों की रिपोर्ट संबंधित थाना और चौकी पुलिस को सौंप दी है।

एनएच-74 निर्माण के दौरान जिले के जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, रुद्रपुर, किच्छा और सितारगंज के दर्जनों किसानों की भूमि जद में आई थी। तब कई किसानों ने अधिकारियों की मिलीभगत से कृषि भूमि को बैक डेट पर अकृषि दर्शाकर करोड़ों का मुआवजा ले लिया था। एसआइटी ने जांच शुरू की तो पांच पीसीएस अधिकारी, कर्मचारी, किसान और बिल्डर्स समेत 22 को जेल जाना पड़ा। इस पर किसानों ने लिया गया अतिरिक्त मुआवजा वापस करने की पेशकश की तो एसबीआइ में खाता खोला गया। इसमें कुछ किसान राशि जमा भी कर चुके हैं। जबकि 40 ऐसे किसान हैं, जिन्होंने करोड़ों का अतिरिक्त मुआवजा लिया है। एसआइटी इन्हें कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक इन किसानों को चिह्नित कर लिया गया है। गिरफ्तारी के लिए काशीपुर, जसपुर और बाजपुर के थाना पुलिस को रिपोर्ट भेज दी गई है। कुछ दिनों के भीतर किसानों की गिरफ्तारी शुरू हो सकती है। इंसेट-

बुजुर्ग और महिला किसानों का ध्यान

एसआइटी सूत्रों के मुताबिक जांच के दायरे में 50 किसान आए थे। इसमें से कुछ बुजुर्ग और महिला किसान भी थे। इनकी गिरफ्तारी में एसआइटी के समक्ष परेशानी आ रही थी। इसे देखते एसआइटी ने बुजुर्ग और महिला किसानों को चिह्नित करना शुरू कर दिया था। सूत्रों मुताबिक ऐसे बुजुर्ग और महिला किसानों को छोड़कर अब करीब 40 किसानों की गिरफ्तारी होगी। इंसेट-

आइएएस के खिलाफ भेजी दूसरी रिपोर्ट

एसआइटी ने आइएस डॉ. पंकज पांडेय और चंद्रेश यादव के खिलाफ दूसरी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। बीते 11 सितंबर को शासन ने एसआइटी की रिपोर्ट के आधार पर दोनों आइएएस अफसरों को निलंबित कर दिया था। इस बीच एसआइटी दोनों आइएएस अफसरों के खिलाफ और साक्ष्य जुटाने में जुट गई थी। इसके लिए डीएम कार्यालय में तैनात रहे तत्कालीन पेशकार से जहां तीन बार पूछताछ की गई, वहीं आर्बिट्रेशन के मामलों में पैरवी करने वाले चार-पांच अधिवक्ताओं से भी एसआइटी ने पूछताछ की थी।


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