गदरपुर पालिका बोर्ड की बैठक में सभासदों ने किया हंगामा
गदरपुरनगर पालिका बोर्ड की बैठक में चार प्रस्तावों की चर्चा के बाद सभासदों के प्रस्तावों पर चर्चा न होने से सभासद नाराज। चेयरमैन का पुतला फूंक डाला।
संस, गदरपुर: नगर पालिका बोर्ड की बैठक में चार प्रस्तावों की चर्चा के बाद सभासदों के प्रस्ताव पर चर्चा नहीं की। इससे आक्रोशित सभासदों ने हंगामा काटा। पालिकाध्यक्ष का पुतला फूंककर नारेबाजी की। साथ ही उन्होंने पालिकाध्यक्ष पर उनके प्रस्तावों पर चर्चा न करने का आरोप लगाया। कहा कि पूरी चर्चा किए बिना ही बैठक समाप्त करना असंवैधानिक है।
पालिकाध्यक्ष गुलाम गौस की अध्यक्षता में सोमवार को पालिका बोर्ड की बैठक पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुई। 11 सभासदों में 10 उपस्थित थे। पालिकाध्यक्ष ने चार प्रस्तावों पर जलभराव निस्तारण, कोविड-19 में प्राप्त धनराशि के खर्च पर विचार, नगर का कूड़ा एकत्र करने के लिए भूमि खरीदने के संबंध में चर्चा हुई। जब सभासदों ने प्रस्ताव रखने की अनुमति मांगी तो गौस ने मना कर दिया। इस पर सभासदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इस पर गौस ने बोर्ड की बैठक को समाप्त कर दिया। इसके बाद सभासद नारेबाजी करते हुए बाहर आ गए और पालिकाध्यक्ष का पुतला फूंका। उन्होंने कहा कि उनकी समस्याओं को नहीं सुना गया। उनके द्वारा कई बार मौखिक व लिखित रूप में कहा गया था कि सदस्यों के बैठने की व्यवस्था सुचारू रूप से कराई जाए। बैठक के बाद दो ठेकेदारों द्वारा कराए गए कार्यों की जांच कराने की मांग की। वार्ड 9 की रोड़ की जांच की जाए। हंगामा काटने वालों में सभासद मनोज गुम्बर परमजीत सिंह पम्मा, मीनक्षी, देवी अमरजीत सिंह, विनीता चौधरी रोहित कुमार सुदामा, जुनैद अंसारी मौजूद थे। अधिशासी अधिकारी हरिचरण ने कहा कि बोर्ड मीटिग में 4 बिदुओं पर चर्चा हुई थी जो कि शांतिपूर्ण हुई। अध्यक्ष ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए बोर्ड मीटिग को समाप्त कर दिया।
पालिकाध्यक्ष गुलाम गौस ने कहा कि नगर के विकास के चार बिदुओं पर सभासदों की मांग पर बोर्ड मीटिग बुलाई गई थी। विकास से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक के बाद सभासदों द्वारा हंगामा करना औचित्य नहीं था। उन पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप साबित कर दें तो वह इस्तीफा दे देंगे। सभासद जानबूझकर नगर का विकास नहीं करने देना चाहते।
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मीडिया को बैठक से रखा गया दूर
नगर पालिका बोर्ड की बैठक में मीडिया कर्मियों को कवरेज करने की अनुमति नहीं दी गई थी। शहर में चर्चा थी कि कुछ मामले को छुपाने के लिए पालिकाध्यक्ष ने मीडिया कर्मियों से बैठक को दूर रखा था।