उत्तराखंड में सहकारिता विभाग खोलेगा 100 पेट्रोल पंप
प्रदेश की सहकारी समितियों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके तहत समितियां प्रदेश में पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी व जन औषधीय केंद्र शुरू करने जा रही है।
खटीमा(ऊधमसिंहनगर),[राजू मिताड़ी]: प्रदेश की सहकारी समितियों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके तहत समितियां अपने-अपने संसाधनों से प्रदेश में पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी व जन औषधीय केंद्र शुरू करने जा रही है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय से इसकी मंजूरी मिल गई है।
दरअसल सहकारिता के माध्यम से प्रदेश के किसानों को विभिन्न प्रकार के संसाधन व ऋण उपलब्ध कराए जाते हैं। इसके अलावा बीज व उर्वरक भी काश्तकारों को समितियों के माध्यम से सब्सिडी पर मिलते आए हैं। सहकारी समितियां एक तरह से किसानों की जरूरतों को पूरा करती हैं।
किसानों को दिए जाने वाले ऋण के एवज में मिलने वाले ब्याज व खाद-बीज की बिक्री से होने वाले लाभ से समितियां संसाधन जुटाती हैं। माना जाता है कि समितियों के आर्थिक रूप से सुदृढ़ होने का सीधा लाभ आम काश्तकार को मिलता है। प्रदेश में वर्तमान में 759 समितियां कार्य कर रही हैं। इसके अलावा प्रदेश भर में 276 सहकारी बैंक की शाखाएं हैं। इन शाखाओं को आर्थिक रूप से और मजबूत करने व समितियों की आय बढ़ाने के उद्देश्य को लेकर अब बड़ी पहल की गई है।
इसके तहत केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद सहकारिता के माध्यम से प्रदेश में 100 पेट्रोल पंप व 50 गैस एजेंसियां खोली जानी हैं। इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद 100 जन औषधीय केंद्र खोलने की भी योजना है। जिनका संचालन सहकारिता विभाग करेगा।
राज्य सहकारी बैंक उत्तराखंड के अध्यक्ष दान सिंह रावत का सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत के अथक प्रयास के बाद केंद्र ने इस महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी है। इसके बाद सहकारी समितियां आर्थिक रूप से और मजबूत होंगी। जिसका लाभ प्रदेश के काश्तकारों को मिल सकेगा।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के 130 गांव का ट्रीटमेंट कर रोका जाएगा विस्थापन
यह भी पढ़ें: नवप्रीत की गरीब बच्चों से प्रीत, तीन राज्यों से लिया गोद