नवीन श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करने को लेकर हुआ विवाद
संवाद सूत्र, सुल्तानपुर पट्टी : घोसीपुरा पट्टी कलां में व्यापारी के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद
संवाद सूत्र, सुल्तानपुर पट्टी : घोसीपुरा पट्टी कलां में व्यापारी के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हो गया। जिसके चलते व्यापारी का कोसी नदी में बने नवीन श्मशान घाट में अंतिम संस्कार नहीं होने दिया गया, जिसको लेकर सुल्तानपुर पट्टी के लोगों में रोष व्याप्त है।
नगर के प्रतिष्ठित व्यापारी अतुल कुमार का रविवार को निधन हो गया। कस्बे के लोग शव के अंतिम संस्कार को घोसीपुरा पट्टी कलां कोसी मंदिर के निकट बने नवीन श्मशान घाट में पहुंचे थे कि इसी बीच कुछ लोगों द्वारा कस्बे के व्यापारी अतुल कुमार गुप्ता का अंतिम संस्कार उपरोक्त स्थान पर करने से मना करने लगे। कहा कि यहां धर्म स्थल है इसके पास कोई संस्कार नहीं होने दिया जाएगा, जबकि ग्राम प्रधान फूल जहां द्वारा माल-कागजात में दर्ज श्मशान भूमि में ग्राम विकास निधि से श्मशान घाट स्थापित करवाया गया है। जिसमें समय-समय पर अंतिम संस्कार हुए हैं। रविवार को पुराने श्मशान घाट में पूर्व में भी दो अंतिम संस्कार होने व बारिश के चलते सुल्तानपुर पट्टी के लोग अतुल का संस्कार करने के लिए नव निíमत श्मशान भूमि में पहुंचे थे। बताया जाता है कि पास में ही मंदिर के लोगों द्वारा संस्कार होने से मना कर दिया गया। जिसको लेकर विवाद हुआ। काफी नोकझोंक के उपरांत भी जब एक पक्ष के लोगों द्वारा संस्कार नहीं करने दिया गया, तो परिजनों व कुछ गणमान्य लोगों द्वारा अंतिम संस्कार दूसरे स्थल पर करने की बात कह मामला शांत किया गया। ग्राम प्रधान फूल जहां की ओर से उनके देवर सबदर ने बताया कि 24 लाख रुपये की धनराशि से शमशान घाट स्थापित करवाया गया है, जोकि मंदिर से दूर है और माल-कागजात में भूमि भी श्मशान घाट के नाम से दर्ज है। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि कोसी नदी के निकट ग्रामसभा घोसीपुरा पट्टी कलां स्वार रामपुर उप्र में नदी के किनारे कस्बा सुल्तानपुर पट्टी के अलावा ऊधम ¨सह नगर व रामपुर के करीबन दो दर्जन गांवों के शवों का अंतिम संस्कार यहां पर किया जाता है। ============= मंदिर कमेटी से ली थी अनुमति व्यापार मंडल अध्यक्ष नकुल अग्रवाल ने बताया कि शव को ले जाने से पहले ग्राम प्रधान पति रिहासत अली व मंदिर कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार सैनी से अनुमति ले ली गई थी। बावजूद इसके विरोध किया जाना उचित नहीं है।