काशीपुर से मेयर प्रत्याशी रहीं कांग्रेस नेत्री मुक्ता पति समेत गिरफ्तार
काशीपुर में दजेह उत्पीड़न मामले में पुलिस ने कांग्रेस की पूर्व प्रदेश प्रवक्ता, पीसीसी सदस्य व मेयर पद प्रत्याशी मुक्ता सिंह व पति रविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
काशीपुर, जेएनएन। पुलिस ने दहेज उत्पीड़न में पीसीसी सदस्य मुक्ता सिंह व उनके पति रविंदर सिंह उर्फ रवि को गिरफ्तार कर लिया है। मुक्ता सहित उनके परिवार के तीन सदस्यों पर दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज है। बहू ने मुक्ता व परिवार पर दहेज में 50 लाख और एंडेवर कार न देने के विरोध में दो बार गर्भपात कराने का भी आरोप लगाया था। मुक्ता पीसीसी की प्रवक्ता रह चुकी हैं और इस बार मेयर पद पर कांग्रेस से चुनाव लड़ीं थीं, उन्होंने भाजपा प्रत्याशी ऊषा चौधरी को कड़ी टक्कर दी थी और दूसरे स्थान पर रही थीं। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सैय्यद गुरफान की अदालत ने मुक्ता और उनके पति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
कोतवाली क्षेत्र के गिरिताल रोड निवासी प्रियंका पुत्री महेश वर्मा ने आठ नवंबर 2017 को महिला हेल्पलाइन में दिए प्रार्थना-पत्र में बताया था कि उसकी शादी चार दिसंबर 2011 को कुंडेश्वरी निवासी शशांक सिंह पुत्र रविंदर सिंह के साथ हुई थी। आरोप है कि शादी के बाद बाद दहेज में 50 लाख रुपये और एंडेवर कार की मांग पूरी न होने पर पति शशांक, ससुर रविंदर सिंह, सास मुक्ता सिंह, जेठ अनुराग व जेठानी दीपाली ने उसे पीटना शुरू कर दिया। मई 2015 में वह मायके आ गई। आरोप है कि इस बीच सास मुक्ता ने प्रियंका का दो बार गर्भपात भी करा दिया था।
सात नवंबर 2017 को घर पर हुई पंचायत में भी दहेज लेकर आने पर ही ससुराल आने को कहा था। दहेज न लाने पर जान से मारने की धमकी की बात भी तहरीर में है। महिला हेल्पलाइन में काउंसलिंग के बाद मामला फैमिली वेलफेयर कोर्ट में चला। दोनों की रिपोर्ट लगने के बाद 28 सितंबर को कोतवाली में पांचों आरोपितों के खिलाफ धारा 498ए, 323, 504, 506 में केस दर्ज हुआ था। जांच अधिकारी प्रथम ने आरोपित शशांक को दोषी पा परिवार के अन्य सदस्यों के नाम बाहर कर फाइनल चार्जशीट लगा दी थी। जबकि शशांक के खिलाफ 41 के नोटिस की कार्रवाई की। बाद में एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने एसआइ जयप्रकाश को दोबारा जांच सौंपी। इस मामले में महिला दारोगा सहित दो लोगों को सस्पेंड कर दिया गया। हालांकि दो दिन बाद महिला दारोगा को बहाल कर दिया गया।
गुरुवार को पुलिस कुंडेश्वरी से रविंदर सिंह को तथा एआरटीओ कार्यालय के पास से मुक्ता सिंह को गिरफ्तार कर कोतवाली ले आई। इस सूचना पर कांग्रेस कार्यकर्ता कोतवाली पहुंच गए। उन्होंने कोतवाली गेट पर धरना दे कार्रवाई में राजनीतिक द्वेष भावना का आरोप लगाया। पुलिस ने शाम को आरोपितों को कोर्ट में पेश कर दिया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सैय्यद गुरफान की अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें अदालत के निर्देश पर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
कोतवाल (काशीपुर)चंचल शर्मा का कहना है कि आइओ की जांच में मुक्ता सिंह, पति रविंदर सिंह व बेटा शशांक को दोषी पाया था। जबकि जेठ अनुराग और जेठानी दीपाली को निर्दोष पाया। आइओ की जांच रिपोर्ट में मुक्ता और रविंदर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। इसलिए मुक्ता व रविंदर को गिरफ्तार कर लिया गया। मुक्ता को काशीपुर से कुंडेश्वरी जाते समय आरटीओ ऑफिस के पास से गिरफ्तार किया। शशांक के खिलाफ 41 के नोटिस की कार्रवाई होने की वजह से गिरफ्तारी नहीं की जा सकी।
उप्र में एनडी सरकार में मंत्री थे मुक्ता के पिता
मुक्ता सिंह के पिता समरपाल सिंह वर्ष 1985 में काठ, मुरादाबाद से कांग्रेस के विधायक चुने गए थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी की उप्र सरकार में वह सहकारिता राज्यमंत्री बने थे। मुक्ता अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। वर्तमान में करीब 94 साल के पिता समरपाल सिंह कुंडेश्वरी में अपनी बेटी मुक्ता के साथ ही रहते हैं।
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