विधायक व पूर्व मंत्री में घमासान
रुद्रपुर में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलक राज बेहड़ व विधायक राजकुमार ठुकराल के बीच एक बार फिर बयानबाजी का घमासान हो गया है।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर: पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलक राज बेहड़ व विधायक राजकुमार ठुकराल के बीच बयानबाजी को लेकर एक बार फिर घमासान मच गया है। बेहड़ को उत्तरांचल पंजाबी महासभा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। ऐसे में क्षेत्रीय विधायक राजकुमार ठुकराल ने इसे अलोकतांत्रित बताते हुए नियुक्ति पर सवाल उठाया है। वहीं पूर्व मंत्री बेहड़ ने विधायक को विकास कार्यों पर ध्यान देने की नसीहत दी है। इससे पहले कई बार बेहड़ व ठुकराल के बीच बयानबाजी को लेकर घमासान मच चुका है।
कांग्रेस शासन काल में स्वास्थ मंत्री तिलक राज बेहड़ की पंजाबी महासभा अध्यक्ष पद पर चयन को लेकर विधायक राजकुमार ठुकराल ने बयान जारी किया है। विधायक का बयान सुर्खियों में आने के बाद पूर्व मंत्री बेहड़ ने जागरण से बातचीत की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि महासभा अध्यक्ष पद से उन्होंने खुद ही इंकार कर दिया था, लेकिन कोर कमेटी के आग्रह पर उन्हें दायित्व संभालना पड़ा। कोर कमेटी के 11 सदस्यों में सात मौके पर ही मौजूद थे, जबकि एक सदस्य ने फोन पर अपनी स्वीकृति दी। इस तरह आठ सदस्यों की सहमति पर वह अध्यक्ष बने हैं। ऐसे में विधायक राजकुमार ठुकराल को क्षेत्रीय विकास पर ध्यान देने की जरूरत है। क्षेत्र की जनता ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है, उस पर ध्यान देने के बजाय वह बयानबाजी कर रहे हैं। जबकि विधायक ने पूर्व मंत्री को चोर दरवाजे से बना महासभा का अध्यक्ष करार दिया है। उन्होंने लिखा है कि पंजाबी महासभा की प्रदेश कार्यकारिणी एवं प्रदेश के पांचों पंजाबी विधायकों सहित जिले एवं नगर की कार्यकारिणी की अनदेखी कर और देहरादून में बंद कमरे में चुनिदा लोगों को बैठाकर अपने आपको अध्यक्ष बनवाना तिलक राज बेहड़ की स्वयंभू राजनीति को दर्शाता है। हर संगठन की एक लोकतांत्रिक प्रणाली होती है, परन्तु तिलक राज बेहड़ शायद लम्बे समय से राजनीति से बाहर हैं। वह दो बार चुनाव हारने के बाद लोकतांत्रिक प्रणाली से घबराने लगे हैं। सिफारिशों के दम पर और दबाव बना कर अध्यक्ष बन के वह पंजाबी समाज का आ़िखर क्या भला कर पाएंगे।