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कोयंबटूर 238 प्रजाति ने गन्ने में भरी मिठास

जासं, काशीपुर (ऊधमसिंह नगर): गन्ने की मिठास बिखेरने में लिब्बरहेडी चीनी मिल अव्वल है। जबकि

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 08:00 AM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2019 08:00 AM (IST)
कोयंबटूर 238 प्रजाति ने गन्ने में भरी मिठास
कोयंबटूर 238 प्रजाति ने गन्ने में भरी मिठास

जासं, काशीपुर (ऊधमसिंह नगर): गन्ने की मिठास बिखेरने में लिब्बरहेडी चीनी मिल अव्वल है। जबकि ऊधम¨सह नगर के जसपुर की नादेही मिल दूसरे स्थान पर है। इससे न केवल चीनी उत्पादन में वृद्धि हो रही है, बल्कि मिलों को भी आíथक रूप से फायदा होगा।

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राज्य में सात चीनी मिलें हैं। इनमें बाजपुर, नादेही, किच्छा, डोईवाला, लिब्बरहेडी, इकबालपुर व लक्सर हैं। गन्ना आयुक्त दफ्तर के मुताबिक दिसंबर तक सातों मिलों में 409.14 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हो चुकी है। इनमें बाजपुर मिल में 35.55 लाख क्विंटल, नादेही में 29.57 लाख क्विंटल, किच्छा में 44.21 लाख क्विंटल, डोईवाला में 29.55 लाख क्विंटल, लिब्बरहेडी में 80.90 लाख क्विंटल, इकबालपुर में 67.71 लाख क्विंटल और लक्सर चीनी मिल में 121.65 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हो चुकी है। क्रमश: 3.43, 3.08, 4.52, 2.78,7.30, 8.96, 7.03 व 12.10 लाख क्विंटल चीनी उत्पादन हुआ है। इसी तरह बाजपुर में चीनी का परता 9.66, नादेही में 10.41, किच्छा में 10.22, डोईवाला में 9.40, लिब्बरहेडी में 11.08, इकबालपुर में 10.39 व लक्सर में 9.95 फीसद चीनी की रिकवरी हुई है। इन आंकड़ों पर गौर करें तो चीनी में सबसे ज्यादा परता लिब्बरहेडी में और सबसे कम डोईवाला में 9.40 फीसद है। चीनी का परता अधिक होने से उत्पादन अधिक होगा। इसका फायदा मिलों के साथ जनता को भी मिलेगा।

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किसान अब नई प्रजातियों जैसे कोयंबटूर की 0238 आदि की बुवाई कर रहे हैं। इससे चीनी की मिठास अधिक होता है। जिसकी वजह से रिकवरी में वृद्धि हो रही है।

-चंद्र ¨सह इमलाल, संयुक्त आयुक्त, गन्ना विभाग

---------------- सबसे ज्यादा 0238 प्रजाति गन्ने की होती है खेती

राज्य में गन्ने की को-प्रजाति- 0238, 0239, 0118, को-पंत प्रजाति- 3220, 97222, 99214 गन्ने की बुवाई होती है। इनमें किसान सबसे ज्यादा 0238 प्रजाति की खेती करता है। इसकी वजह 0238 की फसल अन्य प्रजातियों से पहले तैयार होती है। इसका उत्पादन प्रति एकड़ 500 से 600 क्विंटल होता है। खास बात यह भी है कि इसके रस से चीनी की परता भी अन्य प्रजातियों से ज्यादा है। जबकि अन्य प्रजातियों का उत्पादन करीब चार सौ क्विंटल होता है।

------------ ऐसे होती है रिकवरी

चीनी मिल में गन्ने की जब पेराई होती है तो इसका रस गाढ़ा और मिठासपन अधिक होता है। जब इसे चीनी बनाते हैं तो मिठास की वजह से रिकवरी ज्यादा होती है।


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