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...तो इसलिए अंग्रेजों ने कुमाउंनियों को दिया था गद्दार कौम का दर्जा

कुमाउंनियों ने कालू माहरा के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। जिसमें अंग्रेजों ने विजय पाई और कुमाउंनियों को गद्दार करार दे दिया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 05:24 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 05:24 PM (IST)
...तो इसलिए अंग्रेजों ने कुमाउंनियों को दिया था गद्दार कौम का दर्जा
...तो इसलिए अंग्रेजों ने कुमाउंनियों को दिया था गद्दार कौम का दर्जा

पंतनगर, [जेएनएन]: कुमाउंनियों को अंग्रेजों ने गद्दार कौम का दर्जा दिया था, क्योंकि कुमाउंनियों ने कालू माहरा के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। जिसमें अंग्रेजों ने विजय पाई और माहरा को फांसी पर चढ़ा दिया गया था। यह बातें कुमाऊं रेजिमेंट के दिग्गज मेजर जनरल राज कौशल ने साझा की।

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दरअसल, कुमाऊं राइफल्स ने फिलिस्तीन के 'शेरॉन' नामक जगह पर 19 सितंबर 1918 को लड़ी अपनी पहली लड़ाई में विजय प्राप्त की थी। जिसकी 100वीं वर्षगांठ पर शुक्रवार शाम पंत विवि के गांधी हॉल में कुमाऊं रेजिमेंट की ओर से 'शेरॉन दिवस' का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विवि कुलपति प्रो. एके मिश्रा, अधिष्ठाता विद्यार्थी कल्याण, डॉ. आरएस जादौन एवं सुबेदार देव सिंह मंचासीन थे। 

इस अवसर पर मेजर जनरल कौशल ने कुमाऊं राइफल्स से कुमाऊं रेजिमेंट बनने को इतिहास बताते हुए कहा कि इसकी स्थापना 23 अक्टूबर 1917 को हुई थी। कुमाऊं के एक सैनिक चंद्री ने बर्मा में अंग्रेजों की ओर से युद्ध लड़ते हुए बहुत बहादुरी दिखाई थी। जिसके बाद वीरता का तमगा देते वक्त उनसे उनकी इच्छा पूछी गई। जिसमें उन्होंने कुमाऊं की पलटन बनाने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद ही बरेली में कुमाऊं राइफल्स की स्थापना हुई। मेजर जनरल ने पंतनगर में मनाए गए इस दिवस को अपनी जिंदगी का यादगार दिन बताया। 

कुलपति प्रो. मिश्रा ने कहा कि प्रत्येक भारतवासी की स्वच्छंदता देश के सैनिकों के कारण ही है, जो हमें सुरक्षा प्रदान करते हैं। कुमाऊं रेजिमेंट को उन्होंने सबसे पहला परमवीर चक्र प्राप्त करने वाली रेजीमेंट बताया, जिसमें अब 19 बटालियन हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में युद्ध शक्ति के मुकाबले बुद्धि बल से अधिक लड़ा जाएगा, तब सेनाओं में छात्राओं की प्रतिभागिता और बढ़ने की संभावना है। 

कार्यक्रम में सूबेदार लछ्छम सिंह ने कुमाऊं रेजिमेंट एवं देश की प्रशंसा में गीत गाया तथा विवि के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिसमें देशभक्ति के गीत व नृत्य सहित पहाड़ी गीत, कठपुतली नृत्य व गुजराती नृत्य शामिल थे। रेजिमेंट के बैंड व ऑर्केस्ट्रा ने भी देशभक्ति के गानों की धुन पर खूब धमाल मचाया। कार्यक्रम में मेजर जनरल कौशल ने कुलपति व विवि के अन्य अधिकारियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। कुलपति द्वारा भी मेजर जनरल कौशल और सूबेदार देव सिंह को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। 

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