विभाजन विभीषिका सेनानी सम्मान से किया सम्मानित
काशीपुर में मंगलवार को 70 बुजुर्गों को विभाजन विभीषिका सेनानी सम्मान से सम्मानित किया गया।
विभाजन विभीषिका सेनानी सम्मान से किया सम्मानित
जागरण संवाददाता, काशीपुर : काशीपुर के उत्तरांचल पंजाबी महासभा के सभागार में मंगलवार को विभाजन विभीषिका सेनानी सम्मान से लोगों को सम्मानित किया गया। आजादी से एक दिन पहले 14 अगस्त 1947 को विभाजन का ऐसा दर्द भी देश को मिला, जो कभी भुलाया नहीं जा सकता। लाखों लोगों को अपना घर-व्यापार छोड़कर शरणार्थी जीवन जीना पड़ा। मुखर्जी नगर स्थित श्री सभा भवन में मंगलवार को उत्तरांचल पंजाबी महासभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पंजाबी समाज के बुजुर्गों को विभाजन विभीषिका सेनानी सम्मान से अलंकृत किया गया। काशीपुर क्षेत्र के करीब 70 ऐसे बुजुर्गों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने विभाजन की त्रासदी झेली थी। अविभाजित भारत के लाहौर, सियालकोट, लायलपुर जैसी जगहों के रहने वाले इन बुजुर्गों को 14 अगस्त 1947 को अपने परिवार समेत अपना घर-बार, दुकानें-सामान सब छोड़ भागना पड़ा था। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा कि विभाजन के दौरान अपना सब कुछ गंवाकर आने के बावजूद इन लोगों ने तमाम दुश्वारियों के बीच नयी शुरुआत की और न सिर्फ स्वयं को फिर स्थापित किया, बल्कि नये भारत के निर्माण में भी बहुत बड़ा योगदान निभाया। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव घई की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विभाजन विभीषिका सेनानी सम्मान से संबंधित सम्मान पत्र जो कि सप्ताहभर पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा महासभा को सौंपे गये थे, उनसे 70 बुजुर्गों को अलंकृत करते हुए मोमेन्टो व पंजाबी महासभा का पट्टा पहनाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन जिलाध्यक्ष प्रवीन सेठी ने किया, जबकि संयोजक मनीष सपरा थे। इस अवसर पर जसपाल सिंह चड्डा, गुरविंदर सिंह चंडोक, संजीव पाल अरोरा, महेन्द्र धवन, राजीव परनामी, प्रभात साहनी, अमन बाली, अशोक चावला, पवन बाठला, कमल सुनेजा, पं. मनोज शर्मा, संजय अरोरा व चेतन अरोरा इत्यादि मौजूद रहे।