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70 साल बाद गांव में पहुंची बिजली

संवाद सूत्र, गूलरभोज: बौर जलाशय के भीतर घने जंगलों में बसा गांव पड़किया आखिरकार बिजली आन

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Jan 2019 11:47 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jan 2019 11:47 PM (IST)
70 साल बाद गांव में पहुंची बिजली
70 साल बाद गांव में पहुंची बिजली

संवाद सूत्र, गूलरभोज: बौर जलाशय के भीतर घने जंगलों में बसा गांव पड़किया आखिरकार बिजली आने से रोशन हो गया। कैबिनेट मंत्री अर¨वद पांडेय ने बटन दबाकर बिजली सप्लाई का शुभारंभ किया। सत्तर साल बाद गांव में बिजली की रोशनी देखकर गांव वाले खुशी से झूम उठे।

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पड़किया गदरपुर विधानसभा के सबसे दूरस्थ गांवों में शुमार है। विषम भौगोलिक हालात के चलते यहां के डेढ़ सौ परिवारों तक रोशनी पहुंचाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा था। कई बार प्रयास हुए, लेकिन ¨सचाई और वन विभाग की अड़ंगेबाजी से यहां के बा¨शदों को निराशा हाथ लगी। कैबिनेट मंत्री अर¨वद पांडेय ने पहली मर्तबा गांव में रोशनी पहुंचाने के लिए सार्थक पहल की। इस बाबत उर्जा निगम को सर्वे और प्रस्ताव का जिम्मा सौंपा गया। पिछले दो साल से चल रही जद्दोजहद का परिणाम सोमवार बीती देर शाम को सामने आया। सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में मंत्री अर¨वद पांडेय ने बिजली सप्लाई का उद्घाटन किया। ग्रामीणों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सौभाग्य योजना ने ग्रामीणों की दशा बदली है। इस मौके पर एसडीओ विनोद कुमार, जेई मेहताब अली, अतुल पांडेय, मेजर ¨सह, अमरजीत गोयल, अमरीक ¨सह, नंदराम, किशोरीलाल, सुखदेव ¨सह आदि थे। ======

छह किमी लाइन में लगे 165 पोल

गूलरभोज: सौभाग्य व पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत पड़किया को रोशन करने के लिए बौर बैराज से आगे छह किमी की नई एलटी लाइन का जाल बिछाया गया। लाइन को 165 पोलों पर खड़ा किया गया। जिसमें 25 केवी के पांच ट्रांसफार्मर भी लगाए गए हैं। यहां तक बिजली पहुंचाने में करीब बीस लाख खर्च किए गए।


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