लॉकडाउन में जमातियों का जुटना गलत : शायरा बानो
तीन तलाक के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाली शायरा बानो ने लॉकडाउन में जमातियों का जुटना गलत बताया।
जागरण संवाददाता, काशीपुर: तीन तलाक के खिलाफ मुहिम छेड़कर देश की करोड़ों मुस्लिम महिलाओं को अधिकार दिलाने वाली शायरा बानो फिर सक्रिय हो गई हैं। इस बार समाज और राष्ट्र की खातिर कोरोना महामारी के खिलाफ संघर्ष का ऐलान किया है। सभी से एकजुटता का परिचय देते हुए लॉकडाउन के दौरान अपने घरों में लॉक रहने की अपील की है। बाकायदा वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर दीपक जलाकर एकता का संदेश दिया है। रविवार शाम जागरण ने बातचीत में उन्होंने तब्लीगी जमात द्वारा हाल ही में लॉकडाउन का नियम तोड़े जाने की कड़ी आलोचना की। कहा कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं। इस समय सभी धर्मों के लोगों को साथ एकजुटता का परिचय देते हुए इस महामारी के खिलाफ जंग लड़नी होगी। चिकित्सकों पर हमला की निंदा
शायरा बानो ने लॉकडाउन के दौरान हाल ही में चिकित्सकों और पुलिसकर्मियों पर हमले निंदा की। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ही हैं, जो खुद की जिंदगी मुसीबत में डालकर 24 घंटे हमारी जान बचाने में लगे हैं। ऐसे में हमारा भी फर्ज है कि उन्हें हरसंभव मदद करें, उनका सम्मान करें। लॉकडाउन के दौरान नहीं होना चाहिए था आयोजन
लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में तब्लीगी की तरफ से धाíमक आयोजन पर सवाल उठाते हुए शायरा बानो ने इसकी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश में लॉकडाउन के दौरान विदेशों से लोगों को बुलाकर ऐसे आयोजन नहीं होने चाहिए थे। यह खतरा सभी के लिए है। बीमारी धर्म देखकर नहीं आती। इसलिए ऐसे आयोजन किसी भी धर्म की तरफ से नहीं होने चाहिए। लक्षण लगे तो जरूर कराएं जांच
शायरा ने कहा कि कोरोना खतरनाक बीमारी है, इसलिए कोई भी लक्षण मिलने पर तत्काल जांच कराएं। बिना जांच-परख के कोई भी संदेश या वीडियो दूसरे को न भेजें।