लॉकडाउन के बीच कालाबाजारी
लॉकडाउन में सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी का मामला सामने आया है। एसडीएम ने इस पर सख्त एक्शन लिया है।
जागरण संवाददाता सितारगंज : लॉकडाउन में सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी का मामला सामने आया है। कोटे की दुकान से कालाबाजारी के लिए जा रहा 18.50 कुंतल गेहूं व चावल ग्रामीणों की शिकायत पर एसडीएम ने पकड़ा है। कोटेदार के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। मामले की जांच रिपोर्ट एसडीएम ने जिलाधिकारी को भेज दी है। एसडीएम ने कहा है कि जिलाधिकारी का निर्देश मिलते मुकदमा किया जाएगा।
कुंवरपुर सिसैया गांव में अमरजीत सिंह की सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान है। शुक्रवार देर रात कोटे की दुकान से साढे पांच कुंतल गेहूं व 13 कुंतल चावल प्लास्टिक के कट्टों में भरकर एक पिकअप वाहन से कालाबाजारी के तहत बेचने के लिए भेजा जा रहा था। माल एक व्यापारी के यहां जाना था, लेकिन ग्रामीणों को इसकी भनक लग गई और उन्होंने घेराबंदी करके वाहन को गांव में ही रोक लिया। इसके बाद एसडीएम को सूचना दी। इस पर एसडीएम गौरव कुमार, पूर्ति निरीक्षक केके बिष्ट को लेकर गांव पहुंचकर खाद्यान्न से भरे वाहन को कब्जे में लेकर सीज करा दिया। कोटेदार का स्टॉक चेक कराया। साथ ही कोटेदार के वितरण के सारे रजिस्टर कब्जे में ले लिए थे। पूर्ति निरीक्षक केके बिष्ट को मामले की जांच करने के निर्देश दिए थे। पूर्ति निरीक्षक ने बताया कि वाहन में साढे 5.50 कुंतल गेहूं व 13 कुंतल चावल मिला है। साथ ही हरियाणा मार्का के 69 बोरे व उत्तराखंड सरकारी खाद्यान्न के 78 खाली बोरे वाहन में मिले थे। पूर्ति निरीक्षक ने बताया कि सरकारी खाद्यान्न किसी व्यापारी के यहां बिकने जा रहा था।उन्होंने कहा कि खाद्यान्न की कालाबाजारी की जानी थी। माल खरीदने वाले व्यापारी का पता लगाया जा रहा है। कोटेदार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
वहीं एसडीएम गौरव कुमार ने बताया कि कोटे की दुकान से कालाबाजारी होने की बात जांच में सामने आई है। इसलिए कोटेदार के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि मामले की रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को भेज दी गई है।