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गेहूं की खरीद में हुई देरी तो अगली फसल होगी प्रभावित

गेंहू की खरीद में देरी होने का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ सकता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 07:00 AM (IST)
गेहूं की खरीद में हुई देरी तो अगली फसल होगी प्रभावित
गेहूं की खरीद में हुई देरी तो अगली फसल होगी प्रभावित

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : गेंहू की खरीद में देरी होने का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ सकता है। लॉकडाउन से किसान इस बात को लेकर चितित हैं कि यदि क्रय केंद्रों व मंडियों में गेहूं की समय से खरीदारी नहीं हुई तो भुगतान भी देर से मिलेगा। ऐसी स्थिति में अगली फसल के लिए खाद-बीज कैसे खरीदा जाएगा। लोन भी समय से नहीं चुकाया जा सकेगा।

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खेतों में गेंहू की फसल तैयार है। कुछ किसान कटाई भी शुरू कर दी है। हालांकि जिले में एक अप्रैल को क्रय केंद्र खोले जाने हैं। इस माह तोरई, लौकी, बैंगन आदि सब्जी की खेती की तैयारी भी किसान करने में जुट गए। जून में धान की रोपाई होती है। लॉकडाउन से केंद्रों पर काफी दिन बाद खरीदारी नहीं होती तो पेमेंट भी देर से मिलेगी। किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या है कि यदि गेहूं की कटाई व मड़ाई करते हैं तो गेहूं को स्टोर कहां किया जाएगा। खुले में गेहूं तो रख नहीं सकते। यदि खेत में ही फसल कुछ दिन छोड़ देते हैं। यदि बारिश हो गई तो फसल बर्बाद हो जाएगी। किसानों का कहना था कि समय से केंद्रों व मंडियों में गेहूं की खरीदारी नहीं हुई तो समय से भुगतान नहीं होगा। इसका असर अगली फसल पर पड़ेगा।

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परिचर्चा :

पिछली बार की अपेक्षा इस बार गेंहू की फसल 50 फीसद है। कारण जो पहले बुवाई हुई थी, वह फसल बच गई, जबकि बाद की फसल बारिश में बर्बाद हो गई। फसल तैयार है। एक सप्ताह बाद कटाई शुरू हो जाएगी। समय से केंद्रों में गेहूं की खरीदारी होगी तो पेमेंट समय से मिलेगी। इससे धान की रोपाई के समय मजदूरों का भुगतान भी किया जाएगा।

- नरेंद्र सिरोही, छतरपुर

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18 एकड़ में गेंहू की फसल तैयार है। लेकिन क्रय केंद्र कब खुलेगा, इसका पता नहीं है। किसानों के सामने फसल काटने के बाद उसे स्टोर करने की समस्या होती है। इसलिए केंद्र जल्द खोले जाए। फिलहाल इस बार लेबर की समस्या भी रहेगी। समय से भुगतान होगा तो लेबर आसानी से मिल सकेंगे।

- विवेक मौर्या, रुद्रपुर

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अधिकतर किसान किसी न किसी से उधार लेकर इस शर्त पर खेती करता है कि फसल तैयार होने पर उधारी चुकता किया जाएगा। गेंहू की तौल समय पर हो और भुगतान भी। जिससे उधारी समय पर चुकाया जा सके। साथ ही बीज, खाद भी जून की खेती के लिए व्यवस्था बना सके।

- वेद प्रकाश सिंह, छतरपुर

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फसल कटाई के बाद कंबाइन चलाने के लिए डीजल की आवश्यकता होती है। इसके लिए पैसों की आवश्यकता होती है। किसानों को सही समय पर भुगतान हो तो उनकी काफी समस्याएं दूर हो जाएगी। सरकार गेंहू का भुगतान कितने दिनों में करती है। किसान भाइयों को सब्जी, गन्ने, फलों की भी खेती में रुपये खर्च होते हैं।

- जगदेव सिंह, पूर्व प्रधान ग्राम मनुआ पट्टी


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