श्रमिक का बच्चा बोला- पुलिस वाले अंकल धन्यवाद
ाटीमा में कोरोना के चलते वाहन चलना बंद हो गए हैं। ऐसे में यहां फंसे बाहर के लोग पैदल ही घर जा रहे हैं।
संवाद सहयोगी, खटीमा : कोरोना के चलते वाहनों की आवाजाही में भी रोक लग गई है। ऐसे में प्रदेश के विभिन्न शहरों में मजदूरी करने वाले श्रमिक भी अपने-अपने घरों पर पहुंचने के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं। सुबह से शाम तक पैदल चलना मजबूरी है। इन मजदूरों की एक टोली को पुलिस ने रविवार को पुनपुर जा रहे कैंटर में बैठा दिया। बच्चों संग निकले इन श्रमिकों की आंखें छलक आई। एक बच्चा भी बोला पड़ा- पुलिस वाले अंकल नमस्ते धन्यवाद।
जनपद चंपावत के बेलखेत व टनकपुर में कई मजदूर अपने परिवारों के साथ मेहनत-मजदूरी करने के लिए होली बाद ही उत्तर प्रदेश के बहराइच, लखीमपुर खीरी, गोला, अलीगढ़, शाहजहांपुर आदि क्षेत्रों से पहुंचे थे। अचानक देश में कोरोना के चलते लॉकडाउन घोषित कर दिया। जिसके बाद उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया। ऐसे में उनके पास अपने घरों के लिए लौटने के अलावा कोई ओर रास्ता नहीं है। ऐसे में बिना वाहनों के वह पैदल ही अपने-अपने घरों के लिए निकल पड़े है। प्रतिदिन नगर में राजमार्ग पर इस तरह से मजदूरों के गुजरने की लंबी-लंबी कतारें दिखाई दे रही हैं। हालांकि जगह-जगह लोगों के साथ पुलिसकर्मी उन्हें लंच पैकेट दे रहे हैं। रविवार को टनकपुर शारदा नहर में रेता, बजरी छानने का काम करने वाले संतोष, मोहन, रामबाबू भी अपने परिवार के दुधमुंहे बच्चों के साथ पैदल ही शाजहांपुर के लिए निकल पड़े। जहां मुख्य चौक पर तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोककर भोजन कराया। साथ ही वहां से गुजर रही एक कैंटर को रोक कर उन्हें पूरनपुर तक के लिए बैठाया। इसके बाद मजदूरों व उनके परिजन जवानों का हाथ जोड़कर शुक्रिया अदा किया।