गेहूं कटाई में अब नहीं आएगी कोई बाधा
एक अप्रैल से पहले आमतौर पर शुरू हो जाने वाली गेहूं की कटाई व सीड्स प्रमाणीकरण के कार्यो में किसानों को प्रशासन कोई परेशानी नहीं होने देगा।
संवाद सहयोगी, बाजपुर : एक अप्रैल से पहले आमतौर पर शुरू हो जाने वाली गेहूं की कटाई व सीड्स प्रमाणीकरण के कार्यों में किसानों को प्रशासन कोई परेशानी नहीं होने देगा। खेत तक श्रमिक को पहुंचाने, कृषि कार्य करवाए जाने में अब कोई रोकटोक भी नहीं होगी। यह निर्णय प्रशासन द्वारा भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के उपरांत लिया है।
भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष श्री पड्डा ने बताया कि जिलाधिकारी डॉ. नीरज खैरवाल व कृषि रक्षा अधिकारी अभय स्वरूप सक्सेना से लॉकडाउन के दौरान कृषि कार्यों में आ रही दिक्कतों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। प्रशासन ने शारीरिक दूरी का दायरा बना रखते हुए श्रमिकों से कार्य लिए जाने पर सहमति व्यक्त की गई है। साथ ही एक ट्रैक्टर-ट्राली में 10 श्रमिकों को खेत तक परिवहन करने देने, गेहूं की रोगिग व मशीन से गेहूं कटाई के दौरान प्रति एकड़ एक समय में तीन व्यक्ति लगाए जाने की बात कही गई है। कटाई कार्य में प्रयोग होने वाले कृषि यंत्र कंबाई, स्ट्रारीपर, ट्रैक्टर-ट्राली, औद्योगिक बागानों में छिड़काव के लिए ट्रैक्टर चालित स्प्रे मशीन आदि की अनुमति प्रदान की गई है। कंबाइन के साथ अधिकतम तीन श्रमिक कार्य कर सकेंगे, जो बार-बार घर आ-जा नहीं पाएंगे। संबंधित को निकट ही उनके रहने व भोजन की व्यवस्था करनी होगी। साथ ही फसल कटाई के उपरांत किसान को गेहूं को अपने निवास, गोदाम अथवा बीज उत्पादन के लिए संबंधित बीज विधायन संयत्र तक परिवहन करने तथा आटा मिल में गेहूं आपूíत करने की छूट प्रदान की गई है। कृषि फसलों में निराई, गुड़ाई, कीटनाशकों का छिड़काव, कटाई, रोपाई आदि कार्य के लिए श्रमिकों की व्यवस्था ग्राम स्तर पर ही करनी होगी, लेकिन बड़ी कृषि व बीज उत्पादक फार्म जहां श्रमिकों की व्यवस्था ग्राम स्तर पर संभव नहीं है, ऐसे में जनपद में स्थित फैक्ट्रियों आदि के कम संचालन के कारण जिन श्रमिकों के पास कार्य नहीं रह गया है उनका उपयोग कृषि कार्य में कर सकेंगे जिनके रहने की व्यवस्था संबंधित को करनी होगी। इस दौरान श्रमिक के बीच में तीन मीटर का फासला, मास्क व सेनिटाइजर, पीना का शुद्ध पानी आदि की व्यवस्था की जाए।
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किसान कैसे संभाले फसल
बाजपुर : एक तरफ लॉकडाउन की मार, दूसरी तरफ पीले सोने की बर्बादी का भय, तीसरी तरफ आकाश में मंडराते बादल किसान की पेशानी पर पसीना ला रहे हैं। एक अप्रैल से शुरू होने वाली सरकारी खरीद भी 15 अप्रैल तक के लिए टल गई है। इतने समय तक फसल को संभाले रखना किसान के समक्ष एक बड़ी चुनौती भी बना हुआ है।