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नई चार बसों में से तीन हुई बीमार

उत्तराखंड रोडवेज की नई बसों में तकनीकी दिक्कत ने एक बार फिर विभाग की कार्यप्रणाली सवालों में है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 12:14 AM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 06:14 AM (IST)
नई चार बसों में से तीन हुई बीमार
नई चार बसों में से तीन हुई बीमार

अभय कुमार पांडेय, काशीपुर : उत्तराखंड रोडवेज की नई बसों में तकनीकी दिक्कत ने एक बार फिर विभाग की नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। काशीपुर रोडवेज को अशोक लीलैंड कंपनी से चार बसें मिलीं हैं। चार बसों को दिल्ली रूट पर ट्रायल पर चलाया गया, लेकिन एक दिन बाद ही इनमें से तीन बसें बीमार पड़ गई। चार बसों में एक बस काठगोदाम डिपो में तो दो काशीपुर डिपो गैराज में पहुंच गई। बसों में तकनीकि दिक्कत ऐसी हैं कि पिछले 24 घंटे से कंपनी के इंजीनियर की राह देखी जा रही है। इनमें एक बस दिल्ली रूट पर हादसे का शिकार हुई है, जिसमें उसके फ्रंट के मिरर टूट चुके हैं। जबकि एक बस में एयर सिस्टम भी टूट गया है। काशीपुर में अभी तक देखा जाए तो 8 नई बसें मिली, लेकिन इनमें से टाटा की पांच बसें लीवर को लेकर वापस लौट चुकी हैं। जबकि अशोका लिलैंड की चार में से तीन बसें डिपो में मेटिनेंस में खड़ी हैं। अब ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि करोड़ों रुपये खर्च कर जो बसें सड़क पर चलने के लिए खरीदी जा रही हैं वह वर्कशॉप में आखिर क्यों खड़ी हैं। ट्रायल में वायरिग के बाद कमानी में आई दिक्कत काशीपुर में चार अशोक लिलैंड की बसें भेजी गई थी। शुरूआत में जहां ट्रायल बसों को सड़कों पर उतारने के साथ ही इनकी फ्रंट मड गार्ड के नीचे की वायरिग खुलने व टायर से रगड़ खाने की शिकायत आनी शुरू हुई। काशीपुर डिपों में पहुंची बसों में मैकेनिकों ने कमानी से भी दिक्कत आने की बात कही है। कमानी में सिर्फ नौ पट्टे दिए गए हैं, जबकि बसों में कम से कम 14 पट्टे होने की जरूरत होती है। इन पट्टों के कम होने से बसें आगे की तरफ झुकाव ज्यादा बढ़ जाता है। यही नहीं अमूमन बसों में 920 गेज के टायर होते हैं जबकि इसमें 1020 गेज के टायर हैं, जिन्हें ड्राइवर चलाने में बहुत सहज नहीं हो रहे हैं।

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केस -1- लाइट खराब होकर काठगोदाम में खड़ी बस-

मुख्यालय देहरादून से चार बसें काशीपुर पहुंची जिनमें एक बस की लाइट की रूफ लाइट में दिक्कत आई। लाइट अपने आप जल रही थी और बुझ रही थी। काशीपुर रोडवेज ने इसके लिए पहले कुडेश्वरी में अशोक लिलेंड कंपनी से संपर्क किया लेकिन उनका कहना था कि उनके पास यह पार्ट उपलब्ध नहीं हैं। 19 फरवरी को बस को मरम्मत कम्पलेन लगाकर काठगोदाम भेज दी गई।

----केस = 2

परिवहन मंत्री यशपाल आर्या के क्षेत्र बाजपुर से दिल्ली को दूसरी बस दिल्ली के लिए चलाई गई। दिल्ली से लौटते समय बस में हवा आने के लिए बनाए गए एयर रूफ गया। सिर्फ दो रिबिट के सहारे कसे गए रूफ रास्ते में टूट गया। काशीपुर आकर पिछली रात यह बस वर्कशाप खड़ी हो गई है। रूफ को जोड़ने के लिए स्थानीय मैकेनिकों ने इसे रस्सी के सहारे बांधा हैं और दो अलग पेंच लगाए गए हैं। वर्कशाप के मैकेनिक बता रहे हैं कि वायरिग के ठीक पहियें के नीचे आने के चलते भी दिक्कत हो रही है। इसके कप्लेन कंपनी को दे दी गई है इंजीनियर आने वाले हैं। केस-3

तीसरी बस दिल्ली से काशीपुर लौटते समय एक डंपर से सीधे टकरा गई जिसमें नई बस की सूरत बिगड़ गई। बस फ्रंट से भिड़ने के चलते फ्रंट मिरर टूट चुका है जबकि आगे से भी बस थोड़ी क्षतिग्रस्त हुई है। इसके लिए भी कंपनी को शिकायत दे दी गई है। कंपनी की ओर से इंजीनियर आने का इंतजार किया जा रहा। दिल्ली रूट पर बस डंपर से टकराने की बात को छिपाने को भी काफी प्रयास किया गया है। ----------- मुझे इसकी जानकारी नहीं मिली है। पता कराया जा रहा है, तकनीक टीम को इस संबंध में जानकारी होगी। बस में आ रही दिक्कत कंपनी को बताई जाएगी। -यशपाल सिंह, आरएम, कुमाऊं रीजन


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