राज्य बनने के बाद से अब तक फार्मासिस्ट को मिलते हैं बस चार रुपये
फार्मास्टिों को मेहनताने के रूप में अभी तक चार रुपये ही मिलते हैं। उन्होंने इसे बढ़ाने की मांग है।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : चार रुपये में आजकल एक चाय भी नहीं मिलती, लेकिन मेहनताने के रूप में सरकार आज भी सिर्फ चार रुपये का भुगतान कर रही है। राज्य के बनने से यह नियम स्वास्थ्य विभाग में अभी तक चल रहा है, जबकि इसे बदलने के लिए फार्मासिस्ट एसोसिएशन लंबे समय से मांग कर रही है। इसके बावजूद विभाग अनजान बना है।
पोस्टमार्टम कार्य के प्रति सरकार व स्वास्थ्य विभाग कितना संजीदा है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण फार्मेसिस्ट को मिलने वाला भत्ता है। फार्मेसिस्ट को सिर्फ चार रुपये का भुगतान किया जा रहा है, जबकि चिकित्सक व स्वच्छक को दिए जाने वाले भुगतान में पहले के मुकाबले वृद्धि की गई है। चिकित्सक को पहले जहां 10 व स्वच्छक को दो रुपये दिए जाते थे। अब चिकित्सक को 500 और स्वच्छक को 150 रुपये प्रति पोस्टमार्टम का भुगतान किया जाता है, लेकिन सरकार ने फार्मेसिस्ट का मेहनताना नहीं बढ़ाया है।
डिप्लोमा फार्मसिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष बीएन बेलवाल ने बताया कि प्रदेश स्तर पर भत्ता बढ़ाने की मांग की गई है, लेकिन अभी तक सरकार ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। डिप्लोमा फार्मसिस्ट ने यह भत्ता बढ़ाकर 300 रुपये करने की मांग की है।
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प्रदेश सरकार से फार्मासिस्टों का पीएम मेहनताना बढ़ाने की मांग लंबे सयम से की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
- बीएन बेलवाल, जिला अध्यक्ष, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन, ऊधमसिंह नगर