Move to Jagran APP

घटतौली पर राशन दुकान निलंबित

जागरण संवाददाता रुद्रपुर ग्राहकों को कम मात्रा में राशन देने व मनमानी ढंग से दुकान खोलना महंगा पड़ सकता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 12:04 AM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 06:17 AM (IST)
घटतौली पर राशन दुकान निलंबित
घटतौली पर राशन दुकान निलंबित

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : ग्राहकों को कम मात्रा में राशन देने व मनमानी ढंग से दुकान खोलना सस्ता गल्ला विक्रेता को मंहगा पड़ गया। ग्राहकों की शिकायत पर पूर्ति निरीक्षक ने मामले की जांच की और विक्रेता को कारण बताओ नोटिस भेजा। जिसका असंतोषजनक जबाब मिलने पर दुकान निलंबित कर दी गई है। अब मामले की जांच तहसीलदार को सौंप दी गई है।

loksabha election banner

राशन की दुकान पर घटतौली की शिकायत विभाग की प्राथमिक जांच में सही पाई गई, जिससे दुकान निलंबित कर दी गई है। बाजपुर क्षेत्र के ग्राहकों ने शिकायत में कहा था कि ग्राम बरवाला की सस्ता गल्ला विक्रेता सुमंता देवी मनमानी करती हैं। ग्राहकों को समय से राशन नहीं दिया जाता है और दुकान सप्ताह में दो से तीन दिन ही खुलती है। शिकायत के बाद पूर्ति निरीक्षक आशुतोष भट्ट ने मौके पर जाकर जांच की। इसमें कुल 78 कार्डधारकों ने अपने बयान दर्ज कराए। जिसमें ग्राहकों ने कहा कि विक्रेता मानक से कम राशन दे रहे हैं। राशन कार्ड धारक जगवती, मुन्नी, जैवित्री, गोमती, रामचनन, उमरावती, राकेश आदि के कार्डों में कम मात्रा में राशन देने का मामला पाया गया। जिसमें विक्रेता संतोषजनक तरीके से अपना जबाब नहीं प्रस्तुत कर सके। जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि अनुबंध पत्र के शर्तों का उल्लंघन क्षम्य नहीं है। दुकान निलंबित की गई है।

...........

अनुबंध पत्र की शर्तों के उल्लंघन पर जिलाधिकारी डॉ. नीरज खैरवाल ने सस्ता गल्ला विक्रेता सुमंता देवी की दुकान तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। तहसीलदार बाजपुर जोगा सिंह को जांच अधिकारी बनाया गया है।

- श्याम आर्या, जिला पूर्ति अधिकारी, ऊधमसिंह नगर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.