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सेंसर से होगी पॉलीहाउस में हाईड्रोपोनिक्स की खेती

अरविद कुमार सिंह रुद्रपुर अब सेंसर से पॉलीहाउस में हाईड्रोपोनिक्स की खेती होगी। इसके लिए

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 07:12 AM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 07:12 AM (IST)
सेंसर से होगी पॉलीहाउस में हाईड्रोपोनिक्स की खेती
सेंसर से होगी पॉलीहाउस में हाईड्रोपोनिक्स की खेती

अरविद कुमार सिंह, रुद्रपुर

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अब सेंसर से पॉलीहाउस में हाईड्रोपोनिक्स की खेती होगी। इसके लिए पंत विवि के छात्रों ने आइडिया विकसित किया है। खास बात यह है कि फसलों को जरुरत के हिसाब से नमी व पोषक तत्व मिलेंगे। इससे मृदा में होने वाली फसल से दो से तीन गुना अधिक उत्पादन होगा और पानी की बर्बादी भी नहीं होगी।

देश में आबादी बढ़ी तो खेती कम होने लगी। फसलों में अधिक सिचाई होने से पानी की बर्बादी होती है। पानी को बचाने व कम जमीन में भी अधिक उत्पादन लिया जा सके इसके लिए पंत विवि के चार छात्रों ने राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना के तहत इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर में आइडिया यानि आईओटी इनएबल्ड हाईड्रोपोनिक्स सिस्टम मॉडल विकसित किया है। यह आइडिया कृषि संचार विभाग पंत विवि के अध्यक्ष व परियोजना अधिकारी डॉक्टर शिवेंद्र कुमार कश्यप के दिशा-निर्देशन में विकसित किया गया है। पंत विवि में इंडस्ट्रीज इंजीनियरिग में बीटेक पास तरनजीत सिंह, बीएससी एग्रीकल्चर पास योगेश रावल, बीएससी फाइनल के छात्र अभिजीत तिवारी व अनुज ने मिलकर हाईड्रोपोनिक्स खेती की आइडिया को विकसित किया है। पॉलीहाउस के पास पोषक तत्वों व पानी के टैंक बनाए जाएंगे। टैंकों से पाइप पॉलीहाउस में लगेगी। पालीहाउस में ही अलग-अलग सेंसर लगेंगे। जैसे ही सब्जी फसल में पानी, तापमान, नमी की कमी होगी कंप्यूटर व मोबाइल पर ही सेंसर के जरिये पता चल जाएगा। छात्रों ने बताया कि भविष्य को देखते हुए आइडिया विकसित करने का मकसद है कि कृषि को तकनीकी से जोड़ा जा सके। पढ़ लिख कर लोग फावड़ा नहीं चलाना चाहते हैं। इसलिए लोग आराम से तकनीकी के जरिये खेती कर आर्थिक रुप से समृद्ध हो सके इसके लिए यह आइडिया विकसित किया गया है। खास बात यह है कि बिना मृदा की खेती होगी और हाईड्रोपोनिक्स की खेती में मृदाजनित लगने वाला कोई रोग नहीं लगेगा। उत्पादन भी दो से तीन गुना अधिक होगा।

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फसलों को ऐसे पहुंचेंगे पोषक तत्व

पॉलीहाउस में छह से सात फीट उंची नारियल जूट का बुरा तैयार करते हैं। उसी पर टमाटर, गोभी आदि सब्जियां लगाई जाएंगी। पॉलीहाउस के पास पोषक तत्व व पानी के अलग-अलग टैंक बनाए जाएंगे। दोनों टैंकों से पानी व पोषक तत्वों की पाइप लाइनें पॉलीहाउस में बिछाई जाएंगी। स्प्रिंकलर की सुविधा होगी। पॉलीहाउस में तापमान, आ‌र्द्रता, पीएच, पोषक तत्वों जैसे जिक, पोटाश, नाइट्रोजन, मैग्नेशियम आदि के सेंसर लगाए जाएंगे। पॉलीहाउस के पास बने कंट्रोल रुम में कंप्यूटर होगा। फसल में नमी की कमी होने की सूचना सेंसर के जरिये कंप्यूटर व मोबाइल में मिल जाएगी। कहीं पर बैठे मोबाइल से ही जरुरत के हिसाब से स्प्रिंकलर के जरिये फसलों की जड़ों को पोषक तत्व मिल जाएंगे।

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इसके लाभ

-जल संरक्षण होगा

-लागत खर्च कम आएगा

-बिना रोग की सब्जियों का उत्पादन होगा

-पोषक तत्व बर्बाद नहीं होंगे

-हाईड्रोपोनिक्स खेती में वर्टिकल ग्रोथ होती है

-फसलों को पानी स्प्रिंकलर यानि ड्रिप से मिलेगा

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कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए पंत विवि में इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर खोला गया है। कृषि में सुधार लाने के लिए पंत विवि के 40 आइडिया चयनित हुए थे। इनमें एक हाईड्रोपोनिक्स पर काम शुरु हो गया है।

-डॉ. शिवेंद्र कुमार सिंह, परियोजना अधिकारी व अध्यक्ष कृषि संचार विभाग पंत विवि


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