एनजीटी ने दिए सीईटीपी में जलशोधन के आदेश
जागरण संवाददाता रुद्रपुर कंपनियों से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी को साफ करने के लिए स
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : कंपनियों से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी को साफ करने के लिए सीईटीपी कार्यरत है। इसके बाद भी सिडकुल पंतनगर में 200 से ज्यादा कंपनियों ने सीईटीपी में कनेक्शन ही नहीं लिया है। इस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के सख्त निर्देश के बाद कंपनियों की नींद टूट रही है। ऐसे में खुद का ईटीपी प्लांट चलाने वाली कंपनियां भी अब सीईटीपी से कनेक्शन मांग रही हैं।
बकौल एनजीटी सीईटीपी यानी कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट पंतनगर में पानी साफ करने की क्षमता चार एमएलडी यानी चार हजार किलोलीटर प्रतिदिन है। इसके बाद भी मात्र सवा एमएलडी केमिकल युक्त गंदा पानी ही सीईटीपी को मिल रहा है। पर्यावरणीय दृष्टिकोण से इसे संवेदनशील मान एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि सिडकुल पंतनगर की सभी 520 कंपनियां सीईटीपी में अपना पानी भेजें। एनजीटी ने स्पष्ट किया है कि जलशोधक कुंड में पानी भेजना आवश्यक है, जिससे पर्यावरण की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। टाटा वेंडर्स के एक अधिकारी ने बताया कि एनजीटी का निर्देश मिलने के बाद सीईटीपी से कनेक्शन मांगा गया है, जिसमें प्रक्रिया चल रही है। एनजीटी के आदेश के बाद दर्जनों कंपनियां सीईटीपी से जुड़ चुकी हैं। जल शोधन प्लांट के प्रॉसेस मैनेजर रमन जी ने बताया कि सीईटीपी सितारगंज में करीब 90 फीसद कंपनियों का पानी सीईटीपी में भेजा जा रहा है। जबकि सिडकुल पंतनगर में यह आंकड़ा 50 प्रतिशत ही है।
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सीईटीपी में जल शोधन के निर्देश कंपनियों को दिए गए हैं। एनजीटी के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। कई क्षेत्रों में पाइपलाइन की समस्या है, जिसके लिए देहरादून मुख्यालय में पाइपलाइन का प्रोजेक्ट भेजा गया है।
-पारितोष वर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक, सिडकुल, रुद्रपुर
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सीईटीपी में जल शोधन के लिए एनजीटी ने आदेश दिया है। टाटा वेंडर्स को एक सप्ताह में कनेक्शन दे दिया जाएगा। अन्य कंपनियां भी पाइपलाइन बिछने के बाद कनेक्शन लेंगी।
-रमन जी, प्रोसेस मैनेजर, सीइटीपी, सिडकुल, रुद्रपुर