एक-दूसरे के धर्म को समझ निभाएं कौमी एकता
संवाद सूत्र जसपुर मजहबी मामलों को लेकर बढ़ रही खाई पाटने के लिए रविवार को जसपुर में
संवाद सूत्र, जसपुर : मजहबी मामलों को लेकर बढ़ रही खाई पाटने के लिए रविवार को जसपुर में खास पहल हुई। जामा मस्जिद के इमाम व उलेमाओं ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि जब तक हम एक-दूसरे के मजहब को अच्छी तरह नहीं समझेंगे, तब तक एक-दूसरे के करीब नहीं आ सकते। देश की मजबूती के लिए दोनों संप्रदाय के लोगों को सौहार्द कायम करना होगा।
मोहल्ला जटवारा स्थित मरकजी मदरसा जामिया अरबिया एहलेसुन्नत बदरूल उलूम में आयोजित पत्रकार वार्ता में जामा मस्जिद के इमाम मौलाना इसराइल व मुफ्ती शमीम अख्तर ने कहा कि मुस्लिम बच्चों को चाहिए कि वह दूसरे धर्म के उपदेशों को समझें। अपने मजहब से मिली तालीम हिदू भाइयों के सामने रखें। जब लोग दोनों मजहबों की सच्चाई, न्याय एवं प्रेम को समझेंगे, आपसी मतभेद स्वत: ही दूर हो जाएंगे। मौलाना ने कहा कि मुसलमान हिदुस्तान की धरती से बेपनाह मोहब्बत करता है। उसे मारा तो जा सकता है, लेकिन देश से निकाला नहीं जा सकता। वह मरने के बाद भी इसी धरती में दफन होता है। सभी को न्याय, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं एवं सिर छिपाने को छत मिलने से देश मजबूत होगा। हिदू भाई मुसलमानों को उनके लिबास से पहचानते हैं, लेकिन इस्लाम को नहीं जानते। जब तक उन्हें इस्लाम की खूबियों के संबंध में जानकारी नहीं होगी, वे मुसलमानों से नफरत करते रहेंगे। उन्होंने पैगंबर हजरत मोहम्मद एवं हजरत अली के हवाले से बताया कि यदि कोई तुम्हारे साथ बुराई से पेश आए तो उसके साथ भी अच्छाई से पेश आओ। ऐसा करने से दुश्मन भी दोस्त बन जाएगा। इस्लाम शांति, सच्चाई, इंसाफ और मोहब्बत की सीख देता है। दूसरे मजहब भी इंसान से मोहब्बत की सीख देते हैं फिर आपस में झगड़ा क्यों। हिदुस्तान से बढि़या दुनिया में कोई देश नहीं है। इस मौके पर मौलाना मो.उस्मान मिस्बाही, मौलाना असीरूद्दीन, मौलाना शुएब आलम आदि मौजूद रहे।