30 देशों में पढ़ाई जाती है हिदी
जागरण संवाददाता काशीपुर हिदी दिवस पर विचार गोष्ठी में हिदी भाषा का विश्व में स्थान विषय प
जागरण संवाददाता, काशीपुर : हिदी दिवस पर विचार गोष्ठी में हिदी भाषा का विश्व में स्थान विषय पर लोगों ने विचार रखे। इस दौरान लोगों ने हिदी भाषा के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
जनजीवन उत्थान समिति के तत्वावधान में उत्तराखंड रत्न प्राप्त एडवोकेट शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिदी ही भारत की राजभाषा होगी। बताया कि राष्ट्र भाषा प्रचार समिति की ओर से 1953 से 14 सितंबर को हिदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। कहा कि 1997 के सर्वेक्षण में पाया कि भारत में 77 फीसद लोग हिदी जानते हैं। कहा कि फिजी नाम के दीप की अधिकारिक भाषा भी हिदी है। अमेरिका में भी कई शैक्षिक संस्थाओं में हिदी पढ़ाई जाती है। हमारी राजभाषा हिदी 30 से अधिक देशों में पढ़ाई जाती है। भारत के अलावा मॉरीशस, फिजी, सूरीनाय, गुयाना, त्रिनिदाद, टोक्यो, नेपाल, पाकिस्तान आदि में भी हिदी बोली जाती है। 1963 में केंद्रीय हिदी संस्थान की स्थापना की गई 1977 में संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने हिदी में संबोधन दिया। बताया कि हिदी भाषा वास्तव में अनेक भाषाओं की जननी है और हिदी दिवस पर भारत को विश्व गुरू बनाने के लिए सभी कार्य हिदी में करने की शपथ लेनी चाहिए। इस मौके पर भास्कर त्यागी, आसिफ अली, मोनू सक्सेना, सीमा शर्मा, कुसुम शर्मा, अमृत, कर्तव्य मिश्रा, देवांश मिश्रा आदि मौजूद रहे।