मेस में छात्रों को परोस रहे सड़ी सब्जी
संवाद सहयोगी, पंतनगर: कृषि विश्वविद्यालय में भावी वैज्ञानिकों को सही खाना भी नसीब नहीं हो रहा। हॉस्ट
संवाद सहयोगी, पंतनगर: कृषि विश्वविद्यालय में भावी वैज्ञानिकों को सही खाना भी नसीब नहीं हो रहा। हॉस्टल के मेस में सड़ी सब्जियां तक परोसी जा रहीं हैं। इसका खुलासा पटेल भवन के वार्डन डॉ. योगेंद्र कुमार सिंह के निरीक्षण में हुआ। उन्होंने मेस संचालक को पत्र लिखकर इसकी सूचना चीफ वार्डन सहित अधिष्ठाता छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) को देकर कार्रवाई के लिए कहा है।
--------------
छात्रों का अंडा व ब्रेड भी हजम कर लिया
वार्डन डॉ. सिंह ने मेस संचालक को लिखे पत्र में कहा है कि मेस में सड़ी गली सब्जियों का भंडारण किया गया है। यह छात्रों की सेहत के साथ खिलवाड़ है। नौ से 11 सितंबर तक छात्रों को ब्रेड व अंडा भी नहीं उपलब्ध कराया गया।
---------------------
समय पर नहीं मिलता खाना
जांच में सामने आया कि संचालक ने मेस में कर्मचारियों की संख्या में कमी की है। इससे छात्रों को भोजन समय पर उपलब्ध नहीं हो पाता।
------------------
लगातार मिल रही शिकायत
विवि प्रशासन की ओर से हॉस्टल में रह रहे करीब साढ़े चार हजार छात्रों को खाने की आपूर्ति करने के लिए 15 सितंबर 2018 से नई एजेंसी को अनुबंधित किया गया। शुरू में तो सब ठीक चला। लेकिन धीरे-धीरे खाने की गुणवत्ता गिरती चली गई। इसकी लगातार शिकायतें आनी शुरू हो गई। निरीक्षण में भी बातें सामने आ गई।
-------------------
90.25 रुपये में खाना, चाय और नाश्ता
विवि प्रशासन की ओर से हॉस्टल में रहने वालों को 90.25 रुपये में सुबह का नाश्ता, दोपहर का लंच, शाम की चाय व डिनर निर्धारित है।
----------------------
दही और दूध के ब्रांड का पता ही नहीं
तय मानक के अनुसार छात्रों को ब्रांडेड दूध, दही, पनीर, मक्खन (आनंदा/आंचल) एवं मसाले प्रयोग करने हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। छात्रों को खुली दही और दूध ही परोसा जा रहा है।
-------------
रोटी मेकर का वादा भी अधूरा
प्रत्येक हॉस्टल में रोटी मेकर लगाने की शर्तें अनुबंध में शामिल थीं। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। भोजन पकाने एवं परोसने के दौरान कर्मचारी एप्रेन, ड्रेस, कैप में भी नजर नहीं आते।
----------------
मेस में सुरक्षा का इंतजाम ही नहीं
वर्ष 2013 में सरोजिनी भवन में सिलेंडर विस्फोट की भेंट चढ़ीं छह जिदगियों के बाद भी अब तक हॉस्टल की मेस में अग्निशमन उपकरण की व्यवस्था नहीं हो सकी। गोदाम के अभाव में एजेंसी की ओर से 40 से 50 सिलेंडर रखने के लिए हॉस्टल का ही प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इस गंभीर मसले पर जिम्मेदार आंख मूंद लिए हैं।