हंगामेदार रही सहकारिता की वार्षिक बैठक
जागरण संवाददाता रुद्रपुर सहकारिता की वार्षिक आम बैठक में बैंक प्रतिनिधियों ने व्यवस्था पर
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर: सहकारिता की वार्षिक आम बैठक में बैंक प्रतिनिधियों ने व्यवस्था पर कई आरोप लगाए। जिसका जबाब बैंक के अधिकारी व अध्यक्ष के पास नहीं था। ऐसे में जैसे तैसे बैंक की बैठक पूरी की गई। पूरी बैठक के दौरान जमकर हंगामा हुआ।
ऊधमसिंह नगर जिला सहकारी बैंक की वर्ष 2017-18 की 10वीं बैठक बुधवार को रुद्रा कांटिनेंटल सभागार में सुबह 11 बजे से हुई। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सहकारिता मंत्री ने कहा कि किसान कल्याण योजना में शून्य प्रतिशत व्याज पर ऋण की व्यवस्था प्रदेश सरकार ने किया है। जिसमें लघु उद्योग समूह के लाभार्थियों को अब तक पांच लाख ग्यारह एक सौ महिला समूहों को ऋण दिया गया है। उन्होने कहा कि सरकार का लक्ष्य इस साल 20 हजार समूहों को इस योजना का लाभ देना है। उन्होंने कहा कि जिला सहकारी बैंक में अब तक 442 पद भरे गए हैं। इस दौरान विभिन्न समितियों के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखनी शुरू की। जिसमें गदरपुर के लेखराज तनेजा ने लाभांश बढ़ाने का मुद्दा उठाया। जगदीश सिंह ने कहा कि समिति के कर्मचारी बोर्ड सदस्यों की बात ही नहीं मानते हैं। रुद्रपुर के ब्लाक प्रमुख व सहकारिता के फाउंडर डायरेक्टर दलजीत सिंह खुराना ने कहा कि आरोप लगाया कि सरकार समितियों का हिस्सा किसानों को बांटकर अपनी पीठ थपथपा रही है। उन्होंने कहा कि समितियों को जहां पहले 11 व नौ प्रतिशत डिविडेंट दिया गया, वहीं अब मात्र सात प्रतिशत दिया जा रहा है। जबकि पहले ऋण पर दिया जाने वाला लाभांश भी सात से कम करके पौने पांच प्रतिशत कर दिया गया है। जिसमें शून्य प्रतिशत पर ऋण देकर समितियों को घाटे में कर दिया गया है। इस अवसर पर डिस्ट्रिक्ट कॉ-आपरेटिव बैंक के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह मानस, उपाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह रावत, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री दान सिंह रावत, पूर्व बैंक अध्यक्ष सुभाष बेहड़, भगवन दास, गुलशन, मुन्ना तिवारी, रेनू शर्मा, सुमन राय, सुक्खा सिंह, कीर्ति शर्मा, अमरीक सिंह, जुबैर मलिक, शबाना मलिक आदि मौजूद रहे। ---इनसेट---
मुश्किल से मिला माइक
रुद्रपुर: सहकारिता की वार्षिक बैठक में बैंक व समिति प्रतिनिधियों को सुझाव देने के लिए माइक मिलना मुश्किल हो गया। कई बार मांगने पर भी बैंक जीएम मनोहर सिंह भंडारी माइक देने को तैयार नहीं थे। आखिरकार बैंक अध्यक्ष नरेंद्र मानस के कहने पर डेलीगेट्स को माइक दिया गया। ---इनसेट---
राजनीति करें तो विदा करो
रुद्रपुर: बोर्ड सहकारिता की सुप्रीम पावर है, वह चाहे समिति की हो या बैंक की। प्रस्ताव पारित करने के बाद किसी की अनुमति लेनी की आवश्यकता नहीं है। सचिव या निबंधक को सिर्फ सूचना देना ही पर्याप्त है। सिर्फ धारा 196 को छोड़कर अन्य किसी में अनुमति नहीं लेनी है। यह बातें राज्य सहकारिता बैंक के अध्यक्ष व दर्जा प्राप्त मंत्री धन सिंह रावत ने अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि यदि सचिव ज्यादा राजनीति करे तो बोर्ड मीटिग करके उसे विदा करो। इस दौरान मंच पर ही दान सिंह रावत का जन्मदिन भी मनाया गया। जिसमें उन्होंने केक भी काटा।