मत्स्य पालन से जुड़े हैं 1.60 करोड़ लोग
जीबी पंत विवि के मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय में विश्व मात्सि्यकी दिवस मनाया गया।
जासं, पंतनगर : पंत विवि के मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय में विश्व मात्सि्यकी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विश्व में देश की खाद्य एवं पोषण सुरक्षा में मात्सि्यकी क्षेत्र के योगदान विषय पर चर्चा हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निदेशक शोध डा. अजीत सिंह नैन ने मत्स्य पालकों से मत्स्य पालन की नवोन्मेषी पद्धतियों को अपनाने का आह्वान किया।
अधिष्ठाता, मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय, डा. चौहान ने बताया कि विश्व के मत्स्य उत्पादन में भारत का योगदान 7.56 फीसद है तथा राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद में मात्सि्यकी अंश का योगदान 1.24 फीसद है। उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का भरपूर लाभ उठाकर मात्सि्यकी के क्षेत्र की प्रगति में अपना अमूल्य योगदान देने के लिए मत्स्य पालकों एवं मत्स्य उद्यामियों से आह्वान किया। इस अवसर पर डा. एके उपाध्याय, डा. अवधेश कुमार, डा. मालविका दास ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन, डा. आशुतोष मिश्रा ने किया। इस मौके पर डा. अवधेश कुमार, डा. मालविका दास त्रकरू के साथ मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय के समस्त विभागाध्यक्ष, शिक्षक आदि मौजूद थे।
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दुग्ध संघ की कार्यशैली के विरोध में समिति सचिव मुखर
संसू, गूलरभोज : दुग्ध समिति सचिव वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले आयोजित बैठक में दुग्ध संघ की कार्यशैली की कड़ी आलोचना की गई। बैठक में सचिवों को मानदेय की मांग, सांगठनिक विस्तार सहित मानसिक उत्पीड़नात्मक कार्यों के विरोध का निर्णय लिया गया।
कुल्हा दुग्ध समिति परिसर में आयोजित बैठक में सभी वक्ताओं ने संघ के रवैये को मानसिक उत्पीड़न करार दिया। बताया कि संघ सचिवों के साथ बंधुआ मजदूरों की तरह कार्य ले रहा है। प्रोत्साहन सूची, डीबीटीएल सूची,मासिक रिपोर्ट (एमपीआर) व अन्य कार्यों को पूरा करने के लिए सचिवों पर ऐसे दबाव बनाया जा रहा है मानो सचिव राजकीय वेतनभोगी हैं। जबकि पूरे वर्ष बगैर अवकाश के सचिव समिति के लाभ से अर्जित कुछ अंश पर जीविकोर्पाजन को बाध्य हैं। बैठक में सांगठनिक विस्तार के तहत जल्द ही गदरपुर, बाजपुर, काशीपुर व जसपुर ब्लॉक में नई कार्यकारिणी गठित करने पर आम सहमति बनाई गई। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भैरव सिंह अधिकारी, महामंत्री राम सिंह धामी, निदेशक गोविद सिंह, नागेंद्र सिंह, आरिफ खां, कविता कुनियान, शेर सिंह व भावेश ढाली आदि थे।