छात्रवृत्ति घोटाले में 15 छात्रों से पूछताछ
काशीपुर में दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में आइटीआइ थाने में रविवार को 15 छात्रों से पूछताछ की गई।
जागरण संवाददाता, काशीपुर: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में आइटीआइ थाने में 15 छात्रों से पूछताछ की गई। बीएड कराने के नाम पर छात्रों से के दस्तावेज हासिल कर छात्रवृत्ति घोटाले को अंजाम दिया गया। काशीपुर, महुअवखेड़ा व जसपुर के छात्रों से एसआइटी पूछताछ कर रही है। पूछताछ में छात्रों ने बताया कि उन्हें छात्रवृत्ति मामले में अंधेरे में रखा गया। छात्रवृत्ति भले ही उनके नाम से निकाल गई हो लेकिन उनके इस घटना की भनक तक नहीं लगी। इस मामले में फर्जी एडमिशन कराने वाले दलालों के खिलाफ जल्द मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
वर्ष 2011 से 2019 तक उधमसिंह नगर में एसएसी, एसटी व ओबीसी के लगभग डेढ़ लाख छात्रों में छात्रवृत्ति वितरित की गई। जिसमें तीन हजार से ज्यादा छात्र बाहरी राज्यों के शैक्षणिक संस्थानों में अध्यनरत थे।अभी तक 15 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दस लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। इसी क्रम में काशीपुर में एसआइटी लाभाíथयों से पूछताछ कर रही है। शनिवार व रविवार तक 15 छात्रों से पूछताछ की गई। छात्रों का कहना है कि बाहरी राज्यों से बीएड कराने के नाम पर दस्तावेज लिए गए थे। बाद में एडमिशन में व्यवधान का हवाला देकर यह बिचौलिये छात्रों को घूमाते रहे। जांच में पता चला है छात्रों के दस्तावेजों के बल पर विभिन्न् कॉलेजों के मिली भगत से इन छात्रों का एडमिशन दिखाकर छात्रवृत्ति हड़प ली गई। छात्रवृत्ति निकालने के मामले में बैंकों भी जांच के घेरे में
जसपुर, कुंडा व काशीपुर व महुवाखेड़ा से छात्रों से जानकारी में खुलासा हुआ कि जो बैंक अकाउंट खोले गए उनके बारे में छात्रों को जानकारी नहीं है। ऐसे में एसआइटी के जांच में घेरे में वो बैंक भी आ रहे हैं जिनके बैंक में इन छात्रों के एकाउंट खोले गए। सूत्रों की माने तो छात्रवृत्ति घोटाले में विद्याíथयों के खाते बिना आधार कार्ड के ही खोले गए। बैंक में विद्यार्थी के नाम से खोले गए खाते में निजी शिक्षण संस्थानों के प्रबधकों ने अपने मोबाइल फोन नंबर दर्शाए ताकि विद्यार्थी के बैंक खाते में डलने वाली छात्रवृत्ति की राशि का मोबाइल फोन जानकारी लाभार्थी तक न पहुंच उन तक पहुंचे।