मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद नहीं बन सकी पंपिग योजनाएं
संवाद सूत्र, घनसाली: भिलंगना ब्लाक की दो नगर पंचायत घनसाली और चमियाला निवासियों के लिए नई पंपिग योजन
संवाद सूत्र, घनसाली: भिलंगना ब्लाक की दो नगर पंचायत घनसाली और चमियाला निवासियों के लिए नई पंपिग योजना सपना ही रह गई। चार साल पहले मुख्यमंत्री घोषणा में शामिल पंपिग योजना फाइलों से बाहर नहीं आ पाई। इसके कारण चमियाला और घनसाली में पेयजल संकट का कोई समाधान नहीं हो पाया है।
विकासखंड भिलंगना में चमियाला और घनसाली के लगातार बढ़ती आबादी को देखते हुए चमियाला और घनसाली को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया था। बरसों पुरानी रानीगढ़ पेयजल योजना से होने वाली जलापूर्ति बढ़ती आबादी के लिए पर्याप्त नहीं थी। इसके कारण वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घनसाली और चमियाला के लिए दो अलग-अलग पंपिग योजनाओं की घोषणा की थी। इसके बाद दोनों योजनाओं के लिए 10 लाख के करीब टोकन मनी तक रिलीज कर दी गई थी। डीपीआर तैयार करने का जिम्मा जल निगम घनसाली को दिया गया था। जिसमें चमियाला पंपिग योजना का निर्माण 16 करोड़ और घनसाली 17 करोड़ की लागत से किया जाना था, लेकिन मामला चार वर्ष बाद भी डीपीआर से आगे नहीं बढ़ पाया है। जबकि, घनसाली नगर पंचायत और चमियाला नगर पंचायत में पेयजल संकट जारी है। यदि दोनों जगह पंपिग योजना का निर्माण किया जाता तो क्षेत्रवासियों को पेयजल किल्लत से नहीं जूझना पड़ता। उधर, मामले में जल निगम के अधिशासी अभियंता एनएल चंदोला ने बताया कि दोनों योजनाओं के निर्माण में वन भूमि का मसला उलझा था, जिसे अब स्वीकृति मिल गई है। साथ ही दोनों योजनाओं को जल जीवन मिशन के तहत दोबारा डीपीआर तैयार की जा रही है। इसे जल्द ही शासन स्तर पर भेजा जाएगा ताकि समय पर पंपिग योजनाओं के निर्माण के लिए धन उपलब्ध हो सके।