पानी के लिए 24 तोक में हाहाकार
संवाद सूत्र, नैनबाग : चार साल पूर्व प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री की कांडी पं¨पग योजना की घोषणा
संवाद सूत्र, नैनबाग : चार साल पूर्व प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री की कांडी पं¨पग योजना की घोषणा आज तक धरातल पर नहीं उतर पाई है, जिससे ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में गर्मियों में ग्रामीणों की परेशानी और बढ़ने वाली है।
प्रखंड जौनपुर के अंतर्गत ग्राम कांडी मल्ली व कांडी तल्ली, ग्राम सड़ब तल्ला, सड़ब मल्ला, बेल तल्ला, बेल आदि सहित 24 तोक में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। गर्मियों में प्राकृतिक जल स्त्रोत पूरी तरह से सूख जाने से ग्रामीण को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ता है। गर्मियों में ग्रामीणों की प्यास बुझाने के लिए शासन-प्रशासन की ओर से टैंकरों व खच्चरों से इन गांवों में पेयजल आपूर्ति की जाती है। कई बार टैंकर से पेयजल आपूर्ति नहीं होने से ग्रामीण स्वयं अपने संसाधनों से पेयजल आपूर्ति करने को मजबूर होते हैं। ग्रामीणों को भारी आर्थिक नुकसान के साथ ही पूरा दिन पानी ढोने में ही बीत जाता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए ग्रामीण कई साल से अगलाड़ नदी से पं¨पग योजना बनाने की मांग करते आ रहे हैं, जिससे पेयजल किल्लत से छुटकारा मिल सके। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चार साल पूर्व कांडी पं¨पग योजना की घोषणा की थी, जो आज तक घोषणा से आगे नहीं बढ़ पाई। इससे ग्रामीणों की पं¨पग योजना का सपना अधूरा रह गया है। ग्रामीण चार साल से इसका इंतजार कर रहे हैं। ग्रामीण सरदार ¨सह रावत, पदम ¨सह, जयपाल ¨सह राणा, बिक्रम ¨सह, आनंद ¨सह आदि का कहना है कि सरकार के गांव-गांव में पेयजल मुहैया कराने के बड़े-बड़े दावे खोखले साबित हो रहे हैं। - उक्त योजना का सात करोड़ 48 लाख रुपये का प्राक्कलन शासन को भेजा गया है। इस योजना से आठ गांव सहित 24 तोक लाभान्वित होंगे। धन स्वीकृत होने के बाद कार्य आरंभ किया जाएगा।
आलोक कुमार, अधिशासी अभियंता उत्तराखंड पेयजल निर्माण निगम चंबा।