वर्षो से पेयजल संकट झेल रहे भेटी व मंजियाड़ी के ग्रामीण
थौलधार विकासखंड की नगुण पट्टी की ग्राम पंचायत भेटी-मंजियाड़ी के लोग पिछले नौ वर्षो से पेयजल योजना की मांग कर रहे हैं। यहां करीब 110 परिवार एक मात्र हैंडपंप से प्यास बुझाने को मजबूर हैं।
संवाद सूत्र, कंडीसौड़ : थौलधार विकासखंड की नगुण पट्टी की ग्राम पंचायत भेटी-मंजियाड़ी के लोग पिछले नौ वर्षो से पेयजल योजना की मांग कर रहे हैं। यहां करीब 110 परिवार एक मात्र हैंडपंप से प्यास बुझाने को मजबूर हैं।
सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर को पानी का कनेक्शन देना तय किया है। लेकिन गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग से लगी ग्राम पंचायत भेटी-मंजियाड़ी वर्षो से पेयजल संकट से जूझ रही है। भेटी में लगभग 80 परिवार एवं मंजियाड़ी में तीस परिवारों की लगभग चार सौ की आबादी को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। यहां एक हैडपंप है, जिससे ग्रामीण खुद की और अपने मवेशियों की प्यास बुझा पा रहे हैं। गांव में विवाह, मुंडन आदि शुभ कार्यो में तो पानी के लिए और भी समस्या बढ़ जाती है। गांव के लिए लगभग 25 वर्ष पूर्व एक पेयजल योजना बनी थी जो नाकाफी साबित हुई। 11 वर्ष पूर्व पुनर्गठन किए जाने के बावजूद इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाया। नौ वर्ष पूर्व नगुण-भवान मोटर मार्ग निर्माण से योजना का स्त्रोत दब जाने से ग्रामीण परेशान है। जल संस्थान ने वैकल्पिक रूप से यहां एक हैंडपंप की व्यवस्था की थी। ऐसे में ग्रामीण उसी के सहारे जीवन चलाने को मजबूर हैं। सामाजिक कार्यकत्र्ता महाबीर उनियाल, ग्राम प्रधान मुकेश रावत, पूर्व प्रधान जबर सिंह का कहना है कि ग्रामीण लगातार नई पेयजल योजना के निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन सर्वे से आगे का कार्य धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ है। जल संस्थान के सहायक अभियंता जीसी सेमवाल का कहना है कि मंजियाड़ी को कंडारगांव योजना से पेयजल आपूर्ति का प्रयास किया जा रहा है। भेटी के लिए जल निगम से योजना प्रस्तावित है। वहीं, जल निगम के अधिशासी अभियंता एके कुमार का कहना है कि भेटी-मंजियाड़ी के लिए 97 लाख रुपये की योजना का प्रस्ताव भेजा गया है। धनराशि स्वीकृत होते ही योजना का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।