फसलों में लगने वाली बीमारियों का जैविक तरीके से होने लगा उपचार
औद्यानिकी एवं वानिकी विवि रानीचौरी फसलों में लगने वाली बीमारियों का जैविक तरीके से उपचार कर रहा है। वह किसानों को इस तरह की सेवाएं दे रहा है।

चम्बा, [जेएनएन]: क्षेत्र में अब फसलों में लगने वाली बीमारियों का जैविक तरीके से उपचार होने लगा है। औद्यानिकी एवं वानिकी विवि रानीचौरी किसानों को इस तरह की सेवाएं दे रहा है। फसल में रोग लगने पर किसानों यह दवा दी जाती है। जो रासायनिक दवाओं की जगह बेहतर विकल्प माना जा रहा है।
औद्यानिकी एवं वानिकी विवि के रानीचौरी परिसर स्थित पादप रोग विज्ञान विभाग ने जैविक घटकों से ऐसा पदार्थ जैव अभिकर्ता तैयार किया है, जिससे पौधों का उपचार हो रहा है। विवि का रानीचौरी परिसर लगातार नये शोध कर रहा है। परिसर के पादप रोग विज्ञान विभाग ने विभिन्न फसलों के पौधों के बचाव के लिए जो जैव अभिकर्ता अर्थात ट्राईकोडर्मा हरजियानम पाउडर तैयार किया है। जिससे विभिन्न फसलों में लगने वाली बीमारियों का उपचार किया जा रहा है। किसान भी इसका खूब उपयोग कर रहे हैं।
पादप रोग विज्ञान विभाग ने तीन साल पहले इस पाउडर को तैयार किया था। यह उपाउडर किसनों को मुफ्त में दिया जा रहा है। प्रगतिशील काश्तकार देव सिंह व राजेंद्र सिंह का कहना है कि रासायनिक दवाएं महंगी हैं और उसके दुष्परिणाम भी होते हैं ऐसे में जैविक पाउडर बेहतर विकल्प है।
यह है जैव अभिकर्ता
किसी जीव द्वारा उत्पन्न की गई परिस्थितियों एवं प्रक्रियाओं के कारण दूसरे जीव रोग जनक का आंशिक या पूर्ण विनाश किया जाना जैविक प्रक्रिया है। रोग जनकों का विनाश करने वाले जीवों को जैव अभिकर्ता कहते हैं।
जैव अभिकर्ता का प्रयोग एवं लाभ
रासायनिक दवाओं के लगातार प्रयोग से रोगजनकों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। जिस कारण रोगों को रासायनिक दवाओं से नियंत्रित कर पाना कठिन हो जाता है। इसके नियंत्रण के लिए जैविक अभिकर्ता सबसे उपयुक्त विकल्प है। यह जैविक कृषि के अनुरूप भी है। इससे फसलों की सुरक्षा के साथ-साथ मिट्टी की गुणवत्ता एवं पर्यावरण को प्रदूषित होने से भी बचाया जा सकता है। इसका प्रयोग सभी प्रकार की फसलों के बीजों का शुद्धिकरण करने, पौधों पर छिड़काव करने, मिट्टी का शुद्धिकरण आदि करने में किया जाता है। जैव अभिकर्ता एक पाउडर में असंख्य जैविक घटक होते हैं। जो पौधों के शत्रु जीव का नाशकर उसकी रक्षा करता है।
इससे किसी तरह का नुकसान नहींं होता
विशेषज्ञ पादप रोग विज्ञान विभाग रानीचौरी डॉ. लक्ष्मी रावत का कहना है कि जैव अभिकर्ता बीज, पौध, मिट्टी आदि का शुद्धिकरण कर उसको सुरक्षा प्रदान करता है। खास बात यह है कि यह जैविक है और इससे किसी तरह का नुकसान नही होता है। फसलों पर रोग लगने की स्थिति में किसानों को जैव अभिकर्ता पाउडर दिया जाता है।

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