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केंद्रीय टीम आज करेगी टिहरी झील के जलस्तर बढ़ने के प्रभाव का निरीक्षण

केंद्र सरकार ने इस सीजन में टीएचडीसी को टिहरी बांध झील का जलस्तर 830 मीटर भरने की अनुमति दी थी। झील का जलस्तर बढ़ने से क्या प्रभाव पड़ रहा है। इसका आज सेंट्रल वाटर कमीशन (सीडब्ल्यूसी) की टीम निरीक्षण करेगी।

By Edited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 10:41 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 10:48 AM (IST)
केंद्रीय टीम आज करेगी टिहरी झील के जलस्तर बढ़ने के प्रभाव का निरीक्षण
केंद्रीय टीम आज टिहरी झील के जलस्तर बढ़ने के प्रभाव का निरीक्षण करेगी।

जागरण संवाददाता, नई टिहरी। टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र में पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करने के लिए केंद्र सरकार ने सेंट्रल वाटर कमीशन की टीम बुधवार को टिहरी पहुंचेंगी। टीम के इंजीनियर झील का जलस्तर बढ़ने से झील और आसपास के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा है, उसकी रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को सौंपेंगी।

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केंद्र सरकार ने इस सीजन में टिहरी हाइड्रो डवलेपमेंट कारपोरेशन (टीएचडीसी) को टिहरी बांध झील का जलस्तर 830 मीटर भरने की अनुमति दी थी। पिछले साल तक टीएचडीसी प्रबंधन टिहरी झील को सिर्फ 828 मीटर तक ही भरता था, लेकिन इस बार टिहरी झील का जलस्तर 830 मीटर तक भरा जाएगा। झील का जलस्तर दो मीटर बढ़ने से झील और आसपास के क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। इसके लिए अब केंद्र सरकार ने सेंट्रल वाटर कमीशन (सीडब्ल्यूसी) की टीम को टिहरी झील का निरीक्षण करने के लिए भेजा है। बुधवार को टीम टिहरी झील और आसपास के क्षेत्र पर पड़ रहे प्रभाव का आकलन करेगी।

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जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों को खतरा

नई टिहरी: टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। आशिक डूब क्षेत्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह राणा ने बताया कि टीएचडीसी ने जिन प्रभावितों का पूरा भुगतान नहीं किया है वही मजबूरी में झील किनारे बसे गावों में रह रहे हैं। अगर टीएचडीसी ग्रामीणों को पूरा मुआवजा दे देती तो कोई भी ग्रामीण खतरे में रहने को मजबूर नहीं होता। पूर्व प्रमुख थौलधार खेम सिंह चौहान ने कहा कि टीएचडीसी ने ग्रामीणों को प्रतिकर और मुआवजा वितरित नहीं किया है। जिस कारण ग्रामीणों का विस्थापन नहीं हो पाया। अगर टीएचडीसी विस्थापन कर देती तो कोई भी ग्रामीण झील किनारे नहीं रहता।

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