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टिहरी बांध ने ही रोकी थी मैदानों की तबाही, जानिए कैसे

साल 2013 की आपदा में टिहरी बांध ने मैदानी इलाकों में बाढ़ के खतरे को कम किया था और दो दिन में 27 मीटर तक बढ़े झील के जलस्तर को स्टोर किया था।

By Edited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 10:05 PM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 09:31 PM (IST)
टिहरी बांध ने ही रोकी थी मैदानों की तबाही, जानिए कैसे
टिहरी बांध ने ही रोकी थी मैदानों की तबाही, जानिए कैसे

नई टिहरी, [जेएनएन]: केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की नदी विकास गंगा संरक्षण सलाहकार समिति ने गुरुवार को टीएचडीसी बांध पावर हाउस का भ्रमण किया। इस दौरान टीएचडीसी अधिकारियों ने टिहरी झील और बांध के बारे में समिति के सदस्यों को जानकारी दी। टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक एसआर मिश्रा ने समिति सदस्यों को बताया कि किस तरह 2013 की आपदा में टिहरी बांध ने मैदानी इलाकों में बाढ़ के खतरे को कम किया था और दो दिन में 27 मीटर तक बढ़े झील के जलस्तर को स्टोर किया था। 

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गुरुवार को समिति के अध्यक्ष केंद्रीय राज्य मंत्री जल संसाधन अर्जुन राम मेघवाल के नेतृत्व में सांसदों के दल ने टिहरी बांध और पावर हाउस का भ्रमण किया। जल संसाधन मंत्रालय नदी विकास गंगा सलाहकार समिति के केंद्रीय राज्य मंत्री (जल संसाधन) एवं समिति के अध्यक्ष अर्जुन राम मेघवाल, सांसद स्वामी साक्षी महाराज, सांसद राम नारायण ड्यूडी, सुनील कुमार मंडल, अंजू बाला, धर्मवीर, बहादुर सिंह कोली, एटी नाना पाटिल ने टिहरी बांध परियोजना का भ्रमण किया। टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक एसआर मिश्रा ने टिहरी झील और बांध के बारे में जानकारी दी। 

उन्होंने टिहरी बांध एवं कोटेश्वर बांध निर्माण, विद्युत उत्पादन, पुनर्वास, बाढ़ नियंत्रण एवं सुरक्षा संबंधी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2013 की आपदा में टिहरी बांध के कारण ही ऋषिकेश और हरिद्वार में बाढ़ का खतरा कम किया जा सका। लगातार बारिश के कारण दो दिन में ही टिहरी झील का जलस्तर 27 मीटर तक बढ़ गया था। अगर यह पानी सीधा गंगा में जाता तो मैदानी क्षेत्रों में भयानक बाढ़ आ सकती थी। 

समिति सदस्यों ने टीएचडीसी बांध पावर हाउस जाकर बिजली उत्पादन की जानकारी ली। इस अवसर पर एनके माथूर सदस्य (केंद्रीय जल आयोग), महाप्रबंधक (स्टेज प्रथम) यूके ठाकुर आदि मौजूद रहे।

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