सुरकंडा पेयजल योजना को करना पड़ेगा और इंतजार
संवाद सहयोगी, चंबा : सौंग-सुरकंडा पेयजल पं¨पग योजना कभी बजट तो कभी ग्रामीणों के विरोध के क
संवाद सहयोगी, चंबा : सौंग-सुरकंडा पेयजल पं¨पग योजना कभी बजट तो कभी ग्रामीणों के विरोध के कारण परवान नहीं चढ़ पा रही है। तीन साल में योजना का बीस प्रतिशत कार्य भी नहीं हो सका है। जिसके चलते ग्रामीणों को अभी पेयजल सुविधा के लिए और इंतजार करना पड़ेगा।
चंबा, जौनपुर और थौलधार ब्लॉक के गांवों को पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिस सौंग-सुरकंडा पेयजल पं¨पग योजना का निर्माण किया जाना था वह शुरुआती दौर में ही दम तोड़ चुकी है। सौंग नदी से लाइन बननी थी, लेकिन हटवाल, बनाली आदि गांव के ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। ग्रामीणों का कहना था कि पहले उनके यहां की पं¨पग योजना को स्वीकृत किया जाए, उसके बाद ही वे काम होने देंगे। सुरकंडा पंपिंग योजना 41 करोड़ रुपये की है। योजना से चंबा ब्लॉक के फलपट्टी के गांव, जौनपुर के सकलाना, धनोल्टी क्षेत्र के गांव और थौलधार ब्लॉक के कंस्यूड़ क्षेत्र के डेढ़ सौ से अधिक गांव की दो सौ से अधिक बस्तियों को पेयजल की सुविधा मिलनी है, लेकिन शुरुआती दौर में मिला बजट खर्च हो गया। तीन साल में योजना का बीस प्रतिशत कार्य भी नहीं हो पाया है। ग्रामीण भी योजना का विरोध कर रहे हैं। ज्येष्ठ उपप्रमुख नरेंद्र रमोला, प्रधान देव ¨सह पुंडीर, सत्यपाल ¨सह गुसाईं आदि का कहना है कि जो लोग विरोध कर रहे हैं उन्हें विश्वास में लिया जाना चाहिए। कार्यदायी संस्था जल निगम चंबा के अधिशासी अभियंता आलोक कुमार का कहना है कि कुछ बजट और प्राप्त हुआ है। ग्रामीणों से वार्ता की जा रही है। कोशिश कर रहे हैं कि योजना का काम आगे बढ़ सके। अवरोध पैदा होते रहेंगे तो फिर काम कैसे हो पाएगा।