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हिचकोले खाकर सफर कर रही सात हजार की आबादी

संवाद सूत्र, लंबगांव: पिछले दस साल से निर्माणाधीन बागी-गोलाणी मार्ग का अब तक डामरीकरण न होने से क्षे

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 04:06 PM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 04:06 PM (IST)
हिचकोले खाकर सफर कर रही सात हजार की आबादी
हिचकोले खाकर सफर कर रही सात हजार की आबादी

संवाद सूत्र, लंबगांव: पिछले दस साल से निर्माणाधीन बागी-गोलाणी मार्ग का अब तक डामरीकरण न होने से क्षेत्र के द्विजला घाटी की लगभग सात हजार की आबादी को वाहनों में हिचकोले खाकर सफर करना पड़ रहा है। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। मार्ग को करीब तीन माह पूर्व डामरीकरण की स्वीकृति भी मिली थी। बावजूद इसके अब तक सड़क का डामरीकरण नहीं हो पाया है।

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द्विजुला घाटी की सात हजार की आबादी को सड़क से जोड़ तो दिया गया है, लेकिन ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विवादों के कारण काफी समय से सड़क का कार्य लटका था, लेकिन जब सड़क बनी तो मार्ग की स्थिति खस्ताहाल है। विगत नौ साल से सड़क पर निर्माण जारी था, वर्ष 2009-10 बागी गोलाणी सिलारी मार्ग को 236 लाख की पीएमजीएसवाई से स्वीकृति मिली थी। निर्माण के चार साल बाद खेतों का प्रतिकर न मिलने को लेकर बागी के ग्रामीणों ने सड़क निर्माण कार्य बंद कराया था। इससे उक्त सड़क विवाद के कारण वर्ष 2013 में निर्माण कार्य बंद हो गया था। फिर वर्ष 2016 में ग्रामीणों व विभागीय अधिकारियों की सहमति के बाद सड़क निर्माण कार्य फिर से शुरू हो गया था। अनुबंध के अनुसार सड़क को अगस्त 2017 में पूरा होना था, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण लोगों को आए दिन जान जोखिम में डाल सफर करना पड़ रहा है। वर्तमान मे द्विजला घाटी के कोरदी, हलेथ, गैरी राजपूतों की, गोदडी की जनता विभाग लापरवाही के कारण जान जोखिम में डालकर ब्लॉक मुख्यालय में आने को मजबूर हैं। इस सड़क से द्विजला घाटी आधा दर्जन गांव के अलावा उत्तरकाशी जिले के जोगथ, क्यारी, भैंगवालगांव, दिचली बनकोट बागोडी की जनता को भी लाभ मिलेगा।

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डामरीकरण की प्रक्रिया गतिमान है, जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद डामरीकरण का कार्य शुरू किया जाएगा।

संजय श्रीवास्तव, अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाई।


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