शिलान्यास कर पीएचसी को भूल गई सरकार
संवाद सूत्र, नैनबाग: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नैनबाग को खुद उपचार की दरकार है। पीएचसी को उच्चीकरण क
संवाद सूत्र, नैनबाग: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नैनबाग को खुद उपचार की दरकार है। पीएचसी को उच्चीकरण के लिए शिलान्यास तो कर दिया गया, लेकिन भवन और डॉक्टर उपलब्ध नहीं कराए गए। मरीजों को एक्सरे और अन्य जांच कराने के लिए मसूरी और देहरादून की दौड़ लगानी पड़ती है। हैरत की बात यह है कि चार धाम यात्रियों को भी स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल सकी।
प्रखंड जौनपुर के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नैनबाग का 2 दिसंबर 2011 को पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चंद खंडूड़ी ने स्वास्थ्य केंद्र का 319.39 लाख रुपये की लागत से उच्चीकरण के अलावा आवासीय भवनों का शिलान्यास किया गया, लेकिन करीब आठ साल बाद भी पीएचसी में सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई। क्षेत्र की 35 हजार से अधिक आबादी के अलावा उत्तरकाशी व देहरादून सीमा से लगे गांव का यह पीएचसी केंद्र बिंदू है। यही नहीं राष्ट्रीय राजमार्ग व चारधाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को भी स्वास्थ्य सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है। लोगों को एक्सरे व जांच के लिए 70 से 120 किलोमीटर मसूरी, देहरादून और विकासनगर जाना पड़ता है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। निर्वतमान प्रधान सोवत सिंह कैंतुरा, निर्वतमान क्षेत्र पंचायत सदस्य मोहन लाल निराला, गंभीर सिंह रावत और शूरवीर सिंह आदि का कहना है कि इस स्वास्थ्य केंद्र का क्षेत्र की जनता को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। अस्पताल में सुविधा का अभाव है और उच्चीकरण का शिलापट्ट मात्र शोपीस बना हुआ है। सुविधा न होने के कारण यह अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है।
ये मिलती सुविधा
नैनबाग: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वर्तमान में दो डॉक्टर आयुर्वेदिक व एलोपैथिक के हैं जबकि एक पद रिक्त हैं। यदि यह अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनता, तो इसमें 11 डाक्टरों के अलावा 32 लोगों का स्टाफ होता। यहां पर एक्सरे व अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी नहीं है । सामुदायिक केंद्र बनता तो यहां पर लोगों को इसका लाभ भी मिलता।
- स्वास्थ केंद्र के उच्चीकृत का पुन: प्राक्कलन शासन को भेजा गया है।
डॉ. भागीरथी जंगपांगी
मुख्य चिकित्साघिकारी टिहरी।