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झील पर पुल न बनने से दिक्कतें झेल रहे लोग

संवाद सूत्र, कंडीसौड़: टिहरी बांध झील भराव के चौदह वर्षों बाद भी छाम-बल्डोगी झूला पुल के स्थान पर अभी

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 06:36 AM (IST)
झील पर पुल न बनने से दिक्कतें झेल रहे लोग
झील पर पुल न बनने से दिक्कतें झेल रहे लोग

संवाद सूत्र, कंडीसौड़: टिहरी बांध झील भराव के चौदह वर्षों बाद भी छाम-बल्डोगी झूला पुल के स्थान पर अभी तक पुल का निर्माण नहीं हो सका। जिससे झील के आर-पार के दर्जनों गांवों के लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के लोग झील भराव पूर्व से ही वैकल्पिक पुल निर्माण की मांग करते आ रहे हैं।

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टिहरी बांध डूब क्षेत्र के अंतर्गत थौलधार विकासखंड की नगुण पट्टी, गुसाईं पट्टी, जुवा उदयपुर पट्टी को उत्तरकाशी जनपद के चिन्यालीसौड़ विकासखंड की दिचली- गमरी पट्टियों को जोड़ने वाला छाम-बल्डोगी झूला पुल अक्टूबर 2005 में टिहरी बांध झील भराव के साथ जलमग्न हो गया था। जिससे आर-पार के क्षेत्र के 36 से अधिक गांव का संपर्क कट गया था। बांध प्रशासन द्वारा जलभराव के बाद क्षेत्र के लोगों के लिए एक फेरी बोट की व्यवस्था की गई है, जो कि ना काफी है। खासकर रात्रि के समय अचानक नाते रिश्तेदारी में किसी सुख-दुख के अवसर फेरी वोट से आना-जाना संभव नहीं हो पाता है। अचानक जरूरत पड़ने पर गाड़ी से आवाजाही के लिए 50 किलोमीटर वाया धरांसू से आना-जाना पड़ता है। जिसमें धनराशि तो ज्यादा लगती ही है साथ ही समय भी अधिक लगता है। आलम यह है कि कई बार क्षेत्र में होने वाले शादी समारोह में बारात वोट के माध्यम से ही झील के आर-पार कराई जाती है। पिछले चौदह वर्षों से दिक्कतें झेल रहे लोग झूला पुल निर्माण की मांग लगातार करते आ रहे हैं।

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ग्रामीणों से किया वादा भूल गए गडकरी

बीते साल विधानसभा चुनाव में कंडीसौड़ पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वादा किया था की लोगों की मांग पर यहां पर पुल बनाया जाएगा। जिला एवं तहसील दिवस में भी पुल निर्माण का मामला उठाया जा चुका है। टिहरी बांध से भागीरथी एवं भिलंगना घाटी में जितने भी पुल जलमग्न हुए हैं, उनके बदले पुल एवं रोप-वे का निर्माण किया गया है। केवल छाम-बल्डोगी झूला पुल के बदले पुल निर्माण नहीं किया गया है। जिससे झील के आर-पार रहने वाले लोगों में टिहरी बांध प्रशासन से लेकर शासन-प्रशासन तक की बेरुखी से भारी आक्रोश है।

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मांगों पर नहीं दिया जा रहा ध्यान

व्यापार मंडल अध्यक्ष सुमेर सिंह पंवार, निवर्तमान ग्राम प्रधान उम्मेद सिंह बिष्ट, अरविंद भंडारी आदि का कहना है कि पहले त्योहारों एवं सुख, दुख के मौकों पर देर रात तक लोगों का रिश्तेदारी में आवागमन बना रहता था, लेकिन अब ग्रामीणों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ रही है। क्षेत्र की जनता की मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। यहां शीघ्र पुल का निर्माण किया जाए।

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- पुल निर्माण का मामला शासन स्तर का है। निर्देश मिलने के बाद ही सर्वे आदि का कार्य किया जा सकता है।

पीएन राय, अधिशासी अभियंता पुनर्वास विभाग


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