डीएम साहब! रिश्वत नहीं दी तो भला कैसे मिलता मुआवजा Tehri News
प्रतापनगर निवासी एक युवक ने सड़क निर्माण के दौरान मकान क्षतिग्रस्त होने पर पूर्ण मुआवजा न मिलने की शिकायत की।
By Edited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 11:41 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 04:34 PM (IST)
नई टिहरी, जेएनएन। जनता दरबार में प्रतापनगर निवासी एक युवक ने सड़क निर्माण के दौरान मकान क्षतिग्रस्त होने पर पूर्ण मुआवजा न मिलने की शिकायत की। इस दौरान युवक ने कहा कि रिश्वत न देने के कारण ही उसे पूर्ण मुआवजा नहीं मिल पाया। युवक की शिकायत पर डीएम डॉ. वी षणमुगम ने जांच के आदेश दिए और सभी अधिकारियों को ईमानदारी का पाठ भी पढ़ाया। जनता दरबार में कुल 29 शिकायतें दर्ज की गई।
सोमवार को जनता दरबार में प्रतापनगर के थापला गांव निवासी विकास डिमरी ने जनता दरबार में राजस्व विभाग के कर्मचारियों पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाकर सनसनी मचा दी। विकास ने कहा कि पिछले साल अगस्त में उसका दो कमरों का मकान बारिश से क्षतिग्रस्त हो गया था। लेकिन, राजस्व विभाग के पटवारी ने उसे मात्र पांच हजार मुआवजा दिया, जबकि जिसका मकान नहीं टूटा उसे पूरा मुआवजा दे दिया। युवक ने कहा कि उसके पास रिश्वत देने के पैसे नहीं थे। जिस कारण उसे मुआवजा नहीं मिल पाया।
इस पर डीएम डॉ. वी षणमुगम ने एसडीएम प्रतापनगर को इस मामले में जांच के आदेश दिए। युवक के रिश्वत के आरोप पर डीएम ने कहा कि इस तरह की धारणा जब आम आदमी के मन में होती है तो सिस्टम के लिए बेहद खराब है। ऐसे में सभी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर नजर रखें और इस तरह की धारणा को समाप्त करने का प्रयास करें। जनता दरबार में डोबरा गांव निवासी साठ साल की लक्ष्मी देवी ने आर्थिक मदद की मांग की।
इस दौरान उनका स्वास्थ्य खराब होने पर डीएम ने सीएमओ मीनू रावत को उसे अस्पताल में जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए। उत्तराखंड जन एकता पार्टी के सदस्यों ने नरेंद्रनगर से सरकारी विभाग नई टिहरी शिफ्ट करने की मांग की। इस दौरान पर सीडीओ अभिषेक रुहेला, डीएफओ डीएस मीणा, डीडीओ आनंद सिंह भाकुनी, सीएमओ डॉ. मीनू रावत, सतीश नौटियाल, राकेश कुमार आदि मौजूद रहे।
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