अखंड ज्योति के लिए निकाला जा रहा तिल का तेल
घंटाकर्ण धाम घंडियाल डांडा मंदिर में अखंड ज्योति के लिए गजा के मंदिर में तिल का तेल निकाला गया।
महराजगंज: शरद पूर्णिमा को लेकर शुक्रवार की रात लोगों ने भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना कर धन-संपदा व सुखमय जीवन की कामना की। सुबह शहर के राधा कृष्ण व श्रीराम जानकी मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। शाम के बाद खुले में आराध्य देव की स्थापना कर श्रद्धालुओं ने खाजा, दूध, खीर, सिघाड़ा सहित अन्य सफेद वस्तुओं का भोग लगाया। श्रद्धालुओं ने शरद पूर्णिमा या कोजागरी पर्व के मौके पर जागकर मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की। आधी रात के बाद लोगों ने सफेद वस्तु ग्रहण किया। आचार्य पंडित दिवाकर त्रिपाठी ने कहा कि शुक्रवार को शरद पूर्णिमा की तिथि धूमधाम से मनाई गई है। पूरे दिन अराधना एवं रात में चंद्रदेव को खीर का प्रसाद चढ़ाने के बाद शनिवार की सुबह स्नान व दान के साथ व्रत संपन्न होगा। भिटौली संवाददाता के अनुसार धर्मपुर हनुमान मंदिर के पुजारी केसर साहनी ने बताया कि मंदिर परिसर में शाम को शरद पूर्णिमा का उत्सव मनाया गया। भगवान को चंद्रदेव की छाया में बिठाया गया और सफेद वस्त्र पहनाकर उनका सुंदर विशेष श्रृंगार किया। इस दौरान भगवान को खीर का नैवेद्य भी लगाया गया। उसके बाद शरद पूर्णिमा की कथा पढ़ी गई। कथा के बाद भगवान की महाआरती हुई। उत्सव के अंत में खीर के प्रसाद का वितरण किया। इस उत्सव में अधिक बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। घरों में लोगों ने खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखा। तुलसीपुर में सावित्री शुक्ला ने लक्ष्मी जी का पूजा अर्चन कर सुख समृद्धि की कामना की। तथा खीर बनाया। और खुले आसमान के नीचे रखा। और कहा कि मान्यता है कि रात में आज के दिन खुले आसमान के नीचे रखें हुए खीर में अमृत टपकता है । सुबह इस खीर को लक्ष्मी जी का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण किया जाएगा। इसी क्रम में भिटौली, शिकारपुर,परतावल, आनंदनगर, निचलौल, नौतनवां, सोनौली आदि स्थानों पर भी शरद पूर्णिमा पर लोगों ने पूजा अर्चना किया।