सीमांत गांव में सड़क सुविधा नहीं
संवाद सहयोगी चंबा दशकों बाद भी चंबा ब्लॉक के सीमांत गांव के लोगों को सड़क की सुविधा नही
संवाद सहयोगी, चंबा: दशकों बाद भी चंबा ब्लॉक के सीमांत गांव के लोगों को सड़क की सुविधा नहीं मिल पाई। गांव के लोगों ने खुद श्रमदान करके सात किलोमीटर सड़क बनाई थी, लेकिन सरकार ने उसका डामरीकरण तक नहीं किया। ग्रामीणों का कहना है कि जो काम उन्होंने किया सरकार ने उसमें भी सहयोग नहीं किया।
चंबा ब्लॉक के देहरादून से सटे पसनी बमेंडी और घुड़साल गांव के लोगों को आज तक सड़क की सुविधा नही मिल पाई। जिस कारण ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। तीन गांव की एक हजार से अधिक की आबादी सड़क सुविधा का इंतजार कर रही है। यह गांव राजधानी के पास होते हुए भी सुविधाओं से कोसों दूर हैं। ग्रामीणों की मांग पर जब सरकार ने कोई ध्यान नही दिया तो उसके बाद ग्रामीणों ने बीते वर्षो सौंग नदी के किनारे-किनारे रगड़गांव तक करीब सात किमी सड़क खुद श्रमदान करके बनाई ताकि कुछ तो सुविधा मिल सके। ग्रामीणों की बनाई कच्ची सड़क पर वाहन चलते हैं जिस कारण उन्हें मालदेवता व देहरादून पहुंचने में आसानी होती है। हालांकि अभी घुड़सालगांव, पसनी, बमेंडी तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को पांच किमी तक पैदल ही चलना पड़ता है, लेकिन पहले जब रगड़गांव तक सड़क नही थी तो ग्रामीणों को बारह किमी से अधिक पैदल चलना पड़ता था। ग्रामीणों का कहना है कि उनके लिए सरकार ने सड़क बनाना तो रहा दूर जो सड़क उन्होंने खुद बनाई सरकार द्वारा उसका डामरीकरण तक नही किया गया। करीब पांच साल पहले ग्रामीणों ने सात किमी सड़क श्रमदान करके बनाई थी। बरसात में वह टूट जाती है इसलिए उसे फिर सही बनाना पड़ता है। यदि उसका डामरीकरण हो जाए तो समस्या कुछ हद तक हल हो जाएगी। घुड़साल गांव के पूर्व प्रधान जय सिंह कंडारी, भरत सिंह आदि का कहना है कि जो सड़क ग्रामीणों ने बनाई है उसका डामरीकरण किया जाए और उससे आगे गांव के लिए नई सड़क बनाई जाए। उनका कहना है कि जब ऐसा होगा तभी लोगों को पूर्णरूप से सड़क की सुविधा मिल पाएगी। वहीं इस बारे में खंड विकास अधिकारी डीएस रावत का कहना है कि मुझे अभी इन गांवों की जानकारी नही है लेकिन वहां का भ्रमण करने के बाद जिला प्रशासन व शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।