प्रसव, ऑपरेशन में बेहतर स्थिति लेकिन रेफर केस में नहीं आया सुधार
पीपीपी मोड में संचालित हो रहे जिला अस्पताल टिहरी में संसाधन बढ़ने के बावजूद सुधार नहीं आ रहा है।
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: पीपीपी मोड में संचालित हो रहे जिला अस्पताल टिहरी में संसाधन बढ़ने के बावजूद मरीजों को रेफर किए जाने का सिलसिला नहीं थम रहा है। जिला अस्पताल से जारी किए आंकड़ों के मुताबिक पीपीपी मोड में अस्पताल के संचालित होने से पहले वर्ष 2019 में जिला अस्पताल से 507 मरीज रेफर किए गए। जबकि पीपीपी मोड में जाने के बाद जिला अस्पताल से वर्ष 2020 में 480 मरीज, जबकि 2021 में अभी तक 263 मरीज रेफर किए गए हैं। हैरानी की बात ये है पीपीपी मोड में जाने के बाद अस्पताल में संसाधन और चिकित्सकों की संख्या बढ़ने के बाद भी रेफर केस में कमी नहीं आ रही है। वहीं, अस्पताल में प्रसव और अत्याधुनिक जांच के मामले में बहुत सुधार आया है।
हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट, जिला अस्पताल टिहरी का वर्ष 2020 से पीपीपी मोड में संचालन कर रहा है। अस्पताल प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में अस्पताल में 458 प्रसव हुए। जबकि वर्ष 2020 में 539 प्रसव और 2021 में अभी तक 760 प्रसव हुए हैं। इसी तरह वर्ष 2019 में अस्पताल में कुल 129 ऑपरेशन हुए थे। जबकि पीपीपी मोड के बाद वर्ष 2020 में 396 ऑपरेशन और वर्ष 2021 में अभी तक 704 ऑपरेशन हुए हैं। 2019 तक अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा नहीं थी। लेकिन पिछले दो वर्ष में 1087 सीटी स्कैन अस्पताल में हुए हैं। संसाधन बढ़ने के बाद भी जिला अस्पताल से मरीजों को रेफर करने का सिलसिला थम नहीं रहा है। वर्ष 2019 में अस्पताल से 507 मरीज रेफर किए गए। जबकि वर्ष 2020 में 480 मरीज और इस वर्ष अभी तक अस्पताल से 263 मरीज रेफर किए गए हैं। उन्हीं मरीजों को रेफर किया जाता है, जिनकी स्थिति गंभीर होती है। हालांकि, अस्पताल में कुछ और सुविधाएं बढ़ाने के लिए हिमालयन अस्पताल प्रबंधन को कहा गया है। प्रसव और ऑपरेशन में पहले के मुकाबले बेहतर स्थिति है।
डॉ. अमित राय, सीएमएस जिला अस्पताल टिहरी गढ़वाल
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