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सौंग-सुरकंडा पेयजल पंपिंग योजना निर्माण की राह आसान, तीन साल बाद दौड़ी फाइल

टिहरी में सौंग-सुरकंडा पेयजल पंपिंग योजना निर्माण की राह आसान हो गई है। कार्यदायी संस्था जल निगम चंबा योजना के निर्माण में जुट गया है।

By Edited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 03:01 AM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 02:30 PM (IST)
सौंग-सुरकंडा पेयजल पंपिंग योजना निर्माण की राह आसान, तीन साल बाद दौड़ी फाइल
सौंग-सुरकंडा पेयजल पंपिंग योजना निर्माण की राह आसान, तीन साल बाद दौड़ी फाइल

नई टिहरी, जेएनएन। सौंग-सुरकंडा पेयजल पंपिंग योजना निर्माण की राह आसान हो गई है। कार्यदायी संस्था जल निगम चंबा योजना के निर्माण में जुट गया है। पहले योजना का कार्य बनाली के ग्रामीणों के विरोध के चलते बंद पड़ा था, लेकिन अब बनाली गांव की पंपिगं योजना के टेंडर होने से विरोध नहीं किया जा रहा। इसलिए सुरकंडा पेयजल पंपिगं योजना के निर्माण में अब किसी तरह की बाधा नहीं है। 

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वित्तीय वर्ष 2016-17 में 45 करोड़ की सौंग-सुरकंडा पेयजल पंपिगं योजना का निर्माण कार्य शुरू हुआ, तो कुछ माह बाद ही बनाली के ग्रामीणों ने योजना को लेकर विरोध करना शुरू कर दिया था और काम भी बंद करा दिया था। उनका कहना था कि उनकी नजदीकी नदी सौंग से पंपिगं योजना बनाकर दूसरे क्षेत्र के लोगों के लिए पानी पहुंचाने का काम तो किया जा रहा है। लेकिन, उनका गांव पेयजल की समस्या से जूझ रहा है। गांव के किए कोई पेयजल योजना नहीं बनी है और लोग परेशान हैं। इसलिए पहले उनके गांव की योजना को स्वीकृत किया जाए उसके बाद ही वे सुरकंडा पंपिगं योजना का काम होने देंगे। 
इस तरह तीन साल बीतने के बाद भी योजना का काम अभी तीस प्रतिशत भी नहीं हो पाया है। बनाली के ग्रामीणों के विरोध के कारण विभाग के लोग भी परेशान थे। अब सुरकंडा पंपिगं योजना के निर्माण को लेकर स्थिति सुधर गई है। तीन माह पूर्व बनाली गांव के लिए अलग से पंपिगं योजना की वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी थी और अब करीब 12 करोड़ की योजना के टेंडर भी हो गए है, जिसका निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है। ऐसा होने से सुरकंडा पंपिगं योजना के निर्माण की राह आसान हो गई है।
अब योजना को लेकर किसी का भी विरोध नहीं है। बनाली के पूर्व प्रधान कुंवर सिंह का कहना है कि उनके गांव की योजना स्वीकृत हो गई है, जिसका निर्माण जल्द होना चाहिए। वहीं, सुरकंडा पंपिगं योजना को लेकर उनका कहना है कि हमारे गांव का अब कोई विरोध नहीं है। यह भी बताते चलें कि सुरकंडा पंपिगं योजना बनने से चंबा, जौनपुर और थौलधार की करीब ढाई सौ ग्राम पंचायतों को पेयजल की सुविधा मिल पाएगी। 
जल निगम चंबा के अधिशासी अभियंता आलोक कुमार का कहना है कि पहले बनाली गांव के लोगों के विरोध के कारण योजना का काम नहीं हो पा रहा था, अब बनाली के लिए भी पेयजल योजना के टेंडर हो गए हैं। इसलिए उनका विरोध अब नहीं है। अब विभाग सुरकंडा पंपिगं योजना के निर्माण में जुट गया है, जिससे योजना का काम जल्द पूरा हो सके। 

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