स्वास्थ्य विभाग से नाराज डीएम ने बैठक रोकी
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: बार-बार चेतावनी के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाह कार्यशैली देख डीएम स
जागरण संवाददाता, नई टिहरी: बार-बार चेतावनी के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाह कार्यशैली देख डीएम सोनिका ने बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के साथ हो रही बैठक बीच में रोक दी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अगली बैठक में ब्लॉक स्तर के ¨लगानुपात के आंकड़े व कन्या भ्रूण हत्या रोकने के संबंध में ठोस कार्ययोजना बनाने के साथ आने के निर्देश दिए। वहीं, रिपोर्ट न देने पर डिप्टी सीएमओ डॉ. मनोज वर्मा का वेतन रोकने के निर्देश दिए।
बुधवार को डीएम सोनिका ने अपने कार्यालय में प्रसव पूर्व ¨लग चयन निषेध अधिनियम (पीसीपीएनडीटी) के तहत गठित जिला सलाहकार समिति की बैठक ली। बैठक में ब्लॉकवार ¨लगानुपात की रिपोर्ट प्रस्तुत न करने तथा बालक एवं बालिका शिशु की संख्या को समान करने के लिए ठोस कार्ययोजना प्रस्तुत न करने पर डीएम नाराज हो गई और अधिकारियों को फटकार लगाई। डीएम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लापरवाह रवैया अपना रहे हैं, जो सही नहीं है। डीएम ने स्पष्ट कहा कि बिना किसी ठोस कार्ययोजना के पीसीपीएनडीटी बैठक का क्या औचित्य है। जबकि डेढ़ माह पहले भी उन्होंने बैठक में बालक एवं बालिका शिशु की संख्या समान करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे और ब्लॉकवार आंकड़े मांगे थे। नरेंद्र नगर चिकित्सालय एवं बौराड़ी स्थित जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन लगाए जाने के संबंध में स्वास्थ्य सचिव को पत्र भेजने में देरी करने पर भी डीएम नाराज हुई और जल्द पत्र भेजने के निर्देश दिए। विभागीय लापरवाही देख डीएम ने बीच में ही बैठक रोक दी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जनपद में बालक एवं बालिका शिशु की संख्या को समान करने की ठोस कार्ययोजना के साथ ही दोबारा बैठक में आने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. भागीरथी जंगपांगी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज वर्मा, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चना, रेडियोलाजिस्ट डॉ. यतेंद्र ¨सह, राष्ट्रीय महिला कल्याण संस्था चंबा की अध्यक्ष निर्मला बिष्ट आदि उपस्थित थे।
पूरे जिले में एक आदर्श दंपती
बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी कि आदर्श दंपती के तहत एक दंपती को पुरस्कार दिया गया है, जिस पर डीएम काफी नाराज हुई। डीएम ने आदर्श दंपती योजना के तहत भी मात्र एक ही दंपती को पुरस्कृत किए जाने पर भी कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने अगले 15 दिन के भीतर जनपद में आदर्श दंपती की तलाश कर योजना के तहत पुरस्कृत करने के निर्देश दिये। आदर्श दंपती योजना के तहत ऐसे दंपती, जिन्होंने पहली पुत्री अथवा पहली दो पुत्रियों के जन्म के बाद नसबंदी करा ली है, को रुपये पांच हजार का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
स्वास्थ्य विभाग बेहद लापरवाही से काम कर रहा है। बोलने के बावजूद आंकड़े और कार्ययोजना बैठक में नहीं दी गई। बैठक बीच में रोक कर अगली बैठक में पूरी तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए।
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