नागटिब्बा की सुंदरता पर गंदगी का ग्रहण
संवाद सूत्र, नैनबाग: प्रसिद्ध पर्यटक स्थल नागटिब्बा विकास समिति व वन विभाग में तालमेल के अभाव में इस
संवाद सूत्र, नैनबाग: प्रसिद्ध पर्यटक स्थल नागटिब्बा विकास समिति व वन विभाग में तालमेल के अभाव में इस पर्यटक स्थल की सुंदरता पर ग्रहण लग रहा है। यहां पर बड़ी संख्या में बाहर से पर्यटक और ट्रैकर आते हैं, लेकिन उनका कोई लेखा-जोखा नहीं रखा जाता है। पर्यटकों की मनमानी से गंदगी फैलती है, जिससे यहां के पर्यावरण को भी क्षति पहुंच रही है। वहीं इस पर्यटक स्थल में घूमने के लिए शुल्क नहीं लिए जाने से राजस्व की भी हानि हो रही है।
यह पर्यटक स्थल करीब दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। सड़क मार्ग से यह करीब सात किलोमीटर दूर है। यहां हर साल बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक व ट्रैकर पहुंचते हैं। लेकिन यहां पर समिति व वन विभाग में तालमेल के अभाव में गंदगी का अंबार लगा रहता है। पर्यटकों के लिए कोई नियम नहीं होने से पर्यटक व ट्रैकर्स बेरोकटोक कभी भी इस स्थल पर आते-जाते रहते हैं। यह स्थल जैव विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है। पर्यटन के लिहाज से भी यह क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन यहां घूमने आने वालों का कोई रिकार्ड नहीं रहता है। विभाग की ओर से भी अभी तक इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किए गए। अभी चार दिन पहले देहरादून से चार पर्यटक नागटिब्बा आए थे, लेकिन वापसी के दौरान रास्ता भटक गए थे, जिन्हें अगले दिन वन विभाग की टीम सुरक्षित वापस लाई। पर्यटकों के लिए वन विभाग या समिति की ओर से कोई नियम नहीं बनाए जाने के कारण पर्यटक लापरवाही करते हैं और गंदगी फैलाते हैं। प्लास्टिक व पॉलीथिन जगह-जगह बिखरी रहती है, जिससे इस रमणीक स्थल की खूबसूरती खराब हो रही वहीं पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। इस स्थान पर बड़ी संख्या में गुर्जर व भेड़पालक चुगान के लिए पहुंचते हैं, लेकिन कोई रोक नहीं होने से इस स्थल की सुंदरता प्रभावित हो रही है। यहां पर मोरु, बांज, बुरांश का मिश्रित जंगल है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पिछले साल जब यहां आए तो उन्होंने इसे पर्यटक हब के रूप में विकसित करने की बात की, लेकिन अभी तक इस दिशा में प्रयास नहीं हुए। नागटिब्बा की विशेषता
-इस स्थल पर प्रतिवर्ष देश-विदेश के श्रद्धालु पहुंचते हैं।
-नागटिब्बा से मसूरी, देहरादून साफ दिखाई देता है।
-हरा-भरा घास का मैदान है।
-सर्दियों में अधिकांश समय यहां पर बर्फ जमी रहती है।
- जल्द ही यहां आने वाले पर्यटकों का लेखा-जोखा तैयार किया जाएगा। साथ ही नागटिब्बा विकास समिति व आस-पास के ग्रामीणों के साथ बैठक कर यहां पर अन्य गतिविधियों को आगे बढ़ाया जाएगा।
कहकशा नसीम
डीएफओ मसूरी
- समिति की ओर से पूरा प्रयास किया जाता है कि इस स्थल पर आने वाले पर्यटक गंदगी न करें। लेकिन यह स्थान फारेस्ट के अंतर्गत आने के कारण वन विभाग का सहयोग भी इसमें जरूरी है, ताकि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।
देवेंद्र पंवार
अध्यक्ष, नागटिब्बा विकास समिति