टिहरी के देवप्रयाग में पहाड़ी से आया मलबा, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी फंसे
टिहरी जिले के देवप्रयाग के पास मंगलवार देर शाम बेली मोड़ पर भारी पहाड़ी दरककर सड़क पर आ गई जिससे राजमार्ग बंद हो गया। इस दौरान आधे घंटे तक वाहन फंसे रहे। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उखीमठ से लौटते हुए यहां फंस गए।
जागरण संवाददाता, नई टिहरी। टिहरी जिले के देवप्रयाग के पास मंगलवार देर शाम बेली मोड़ पर भारी पहाड़ी दरककर सड़क पर आ गई, जिससे राजमार्ग बंद हो गया। इस दौरान आधे घंटे तक वाहन फंसे रहे। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उखीमठ से लौटते हुए यहां फंस गए। किसी तरह उनके काफिले को ऋषिकेश की तरफ निकाला गया। उसके बाद पहाड़ी से भारी मलबा आने से मार्ग बंद हो गया। कंडिसौद के पास भी मलबा आने से राजमार्ग देर शाम से देर रात तक बंद ही रहा।
देवप्रयाग के पास बेली मोड़ पर मंगलवार शाम लगभग सात बजे पहाड़ी का हिस्सा अचानक ढह गया। जिसके बाद काफी वाहन यहां फंस गए। ऊखीमठ से लौट रहे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिह रावत का काफिला भी यहां आधे घंटे तक फंसा रहा। जिसके बाद वह पैदल ही देवप्रयाग तक पहुंचे। उनके वाहन किसी तरह वहां से निकले जिसके बाद वह ऋषिकेश की तरफ रवाना हुए। ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग भी शाम साढ़े छह एनएच-94 कण्डीसौड़ तहसील के उनियाल गांव व रमोलगांव के बीच मलबा आने से बंद हो गया। अभी रात 10 बजे तक मार्ग नहीं खोला जा सका है। राजमार्ग पर कई वाहन अभी तक फंसे है।
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सड़क कटिंग से मकान को खतरा
पौखाल कोस कांडी की प्रधान कमला देवी ने कहा कि पौखाल डिग्री कालेज से आगे लोनिवी द्वारा रोड निर्माण किया जा रहा है जो कोस कांडी होते हुए गेवली तक जा रही है। इस सड़क से मेरे भवन को खतरा पैदा हो गा है। प्रधान का कहना है कि मकान में वह अपने परिवार के साथ रहती है। लोनिवि के सर्वे के दौरान भी इस पर आपत्ति जताई गई थी। जिस जगह से सड़क जा रही है उससे भविष्य में उनके मकान को खतरा पैदा हो सकता है। लेकिन विभाग व ठेकेदार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण से बरसात में उनके परिवार के लिए यहां पर खतरा बना है। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि खतरे को देखते हुए विभाग को उनके मकान को अन्य सुरक्षित जगह पर विस्थापित किए जाने के लिए निर्देशित किया जाए। उनका कहना है कि ठेकेदार यहां पर सुरक्षा दीवार लगाए जाने की बात कह रहा है जो कि इस समय के लिए सुरक्षित माना जा सकता है लेकिन भविष्य में स्थिति पहले जैसे हो जाएगी। इसलिए इस दिशा में ठोस कार्यवाही की जाए।
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